केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने चार हफ्तों के लिए विजय माल्या का पासपोर्ट निलंबित कर दिया.करीब 9,400 करोड़ रूपए के कर्ज में डूबी किंगफिशर एयरलाइंस के मालिक और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से बार-बार भेजे गए समन को धता बता रहे विजय माल्या का पासपोर्ट शुक्रवार को निलंबित कर दिया गया. सरकार ने 60 साल के माल्या का पासपोर्ट रद्द कर देने की धमकी दी थी.
पिछले करीब एक महीने से भी ज्यादा समय से ब्रिटेन में रह रहे और ईडी के सामने पेश होने से इनकार कर चुके माल्या का राजनयिक पासपोर्ट ईडी की सिफारिश पर विदेश मंत्रालय ने निलंबित किया है.विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने बताया, ‘‘विदेश मंत्रालय में पासपोर्ट जारी करने वाले अधिकारियों ने शुक्रवार को ईडी की सलाह पर विजय माल्या के राजनयिक पासपोर्ट की वैधता चार हफ्तों के लिए तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दी है.
पासपोर्ट कानून, 1967 की धारा 10-ए के तहत यह कार्रवाई की गई है.प्रवक्ता ने बताया, ‘‘माल्या को एक हफ्ते के भीतर जवाब देने को कहा गया है कि पासपोर्ट कानून, 1967 की धारा 10 (3) सी के तहत उनका पासपोर्ट क्यों न जब्त कर लिया जाए या क्यों न रद्द कर दिया जाए. यदि वह इस समयसीमा के भीतर जवाब नहीं देते हैं तो यह मान लिया जाएगा कि उनके पास कहने के लिए कुछ नहीं है और फिर विदेश मंत्रालय रद्द करने की कार्रवाई की दिशा में आगे बढ़ेगा.
संसद सदस्य होने के नाते राजनयिक पासपोर्ट धारक माल्या ने दो मार्च को भारत छोड़ा था. माल्या को कर्ज देने वाले 13 बैंकों समूह ने दो मार्च को ही ‘डेट रिकवरी ट्रिब्यूनल’ (डीआरटी) का रूख कर उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी.बैंकों के समूह ने बाद में माल्या की वह पेशकश ठुकरा दी थी जिसमें उद्योगपति ने कहा था कि वह शुरूआती किस्त में 4,000 करोड़ रूपए का भुगतान करेंगे और बाकी रकम बाद में चुकाएंगे.
सूत्रों ने बताया कि माल्या के खिलाफ कार्रवाई इसलिए की गई है क्योंकि सरकार जानबूझकर कर्ज न चुकाने वालों और धोखेबाजों की ओर से बैंकों का पैसा हड़पने के मुद्दे पर चिंतित है.उन्होंने बताया कि इस साल फरवरी तक किंगफिशर एयरलाइंस पर 9,432 करोड़ रूपए का कर्ज है और उसने जानबूझकर 13 बैंकों का कर्ज चुका पाने में अपनी अक्षमता जाहिर की थी.