Ab Bolega India!

विजय माल्या को भारत लाने लंदन पहुंची ईडी और सीबीआई की ज्वॉइंट टीम

इन्फोर्समेंट डाइरेक्टोरेट यानी ED और CBI की एक ज्वॉइंट टीम लंदन पहुंची है। ये टीम माल्या के खिलाफ नए और पुख्ता सबूत वहां के प्रॉसीक्यूशन को सौंपेगी। टीम ब्रिटिश अफसरों को वो चार्जशीट भी सौंपेगी जो पिछले महीने ईडी ने मुंबई कोर्ट में पेश की है। टीम में शामिल एक अफसर ने न्यूज एजेंसी को ये जानकारी दी। माल्या 2016 से लंदन में है।

भारत ने ब्रिटेन सरकार से उसके प्रत्यर्पण की अपील की थी।एक अफसर ने न्यूज एजेंसी से कहा- हमारी जांच टीम क्राउन प्रॉसिक्यूशन सर्विस यानी सीपीएस के अफसरों से मुलाकात करके उन्हें ईडी की माल्या पर दायर चार्जशीट और इसके सबूतों की जानकारी देगी। कुछ और कानूनी मसलों पर भी विचार किया जाएगा।

बता दें कि सीपीएस ही कोर्ट में भारत सरकार की तरफ से केस लड़ रही है।अफसर के मुताबिक, ईडी के लीगल एडवाइजर ब्रिटिश टीम को ये बताएंगे कि माल्या के खिलाफ किस तरह के आरोप हैं। बता दें कि ईडी ने माल्या के खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉड्रिंग एक्ट यानी पीएमएल के तहत केस दर्ज किया है।
ईडी की टीम फ्रांस, सिंगापुर, मॉरीशस, आयरलैंड, यूएस और यूएई भी जाएंगी और वहां शेल कंपनियों के बारे में जांच करेगी। ईडी की चार्जशीट में 9 आरोपियों के नाम हैं। इनमें माल्या और उसकी किंग फिशर एयरलाइंस भी शामिल हैं।माल्या 2016 से लंदन में है। भारत ने ब्रिटेन सरकार से उसके प्रत्यर्पण की अपील की थी।

इस पर लंदन एडमिनिस्ट्रेशन ने माल्या को रेड कॉर्नर नोटिस के आधार पर 18 अप्रैल को अरेस्ट किया था, हालांकि उसे 3 घंटे में जमानत मिल गई थी।31 जनवरी 2014 तक किंगफिशर एयरलाइन्स पर बैंकों का 6,963 करोड़ रुपए बकाया था। इस कर्ज पर इंटरेस्ट के बाद माल्या की टोटल लायबिलिटी 9,432 करोड़ रुपए हो चुकी है।

सीबीआई ने 1000 से भी ज्‍यादा पेज की चार्जशीट में कहा कि किंगफिशर एयरलाइन्स ने IDBI की तरफ से मिले 900 करोड़ रुपए के लोन में से 254 करोड़ रुपए का निजी इस्‍तेमाल किया।किंगफिशर एयरलाइन्स अक्टूबर 2012 में बंद हो गई थी। दिसंबर 2014 में इसका फ्लाइंग परमिट भी कैंसल कर दिया गया।

डेट रिकवरी ट्रिब्‍यूनल ने माल्या और उनकी कंपनियों UBHL, किंगफिशर फिनवेस्ट और किंगफिशर एयरलाइन्स से 11.5% प्रति साल की ब्याज दर से वसूली की प्रॉसेस शुरू करने की इजाजत दी थी।ब्रिटिश कानूनों के तहत अगर किसी शख्स की उस देश में संपत्ति है, तो वह वहां बिना पासपोर्ट के भी रह सकता है। ऐसे में, उसे भारत लाना आसान नहीं है।

भारत को माल्या की वापसी के लिए इन 7 फेज से गुजरना पड़ सकता है।सीबीआई को ब्रिटिश कोर्ट में साबित करना होगा कि माल्या पर लगे आरोप ब्रिटेन के कानून के तहत भी अपराध हैं।अगर आरोप साबित होते हैं तो ब्रिटिश कोर्ट एक्स्ट्राडीशन का ऑर्डर दे सकता है।अगर जांच एजेंसियां आरोप साबित नहीं कर सकीं तो एक्स्ट्राडीशन की उम्मीदों को झटका लग सकता है।

एक्स्ट्राडीशन सुनवाई के बाद आखिरी फैसला फॉरेन मिनिस्ट्री को करना होता है।माल्या के पास मजिस्ट्रेट कोर्ट के फैसले को हायर कोर्ट में चुनौती देने का हक होगा।लंदन कोर्ट यह भी तय करेगी कि क्या माल्या का एक्स्ट्राडीशन उनके ह्यूमन राइट्स का वॉयलेशन तो नहीं करता।ऐेसे में, माल्या को भारत लाने में भारतीय एजेंसी को कम से कम 10 से 12 महीने का समय लग सकता है।

Exit mobile version