उपराष्ट्रपति चुनाव आज मोदी ने डाला पहला वोट

उपराष्ट्रपति के लिए वोटिंग हो रही हैं। शाम तक रिजल्ट आ जाएगा। पहला वोट नरेंद्र मोदी ने डाला। एनडीए कैंडिडेट एम. वेंकैया नायडू और यूपीए के गोपालकृष्ण गांधी के बीच है। नायडू की जीत करीब-करीब तय है। दोनों सदनों में कुल 790 सांसद हैं। जीत के लिए 50% से एक ज्यादा वोट जरूरी है। एनडीए के पास लोकसभा में 338 और बीजेपी के राज्यसभा में 58 मेंबर हैं। मौजूदा उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी का कार्यकाल 10 अगस्त को खत्म हो रहा है।

इलेक्शन कमीशन के मुताबिक, सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक वोट डाले जाएंगे। राजनीतिक दलों की तरफ से कोई व्हिप जारी नहीं किया गया है। इसकी वजह है कि वोट सीक्रेट बैलेट के जरिए डाले जाएंगे।उपराष्ट्रपति पद की वोटिंग खत्म होने के ठीक बाद ही वोटों की गिनती शुरू हो जाएगी। शाम 7 बजे तक रिजल्ट का एलान कर दिया जाएगा।

मौजूदा उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी लगातार दो टर्म से इस पद पर हैं। उनका टेन्योर 10 अगस्त को खत्म हो रहा है।नए उपराष्ट्रपति 11 अगस्त को कार्यभार ग्रहण करेंगे और वर्तमान उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी को 10 अगस्त को सांसद विदाई देंगे।राष्ट्रपति चुनाव के उलट इस चुनाव में विधायक वोट नहीं करते। सिर्फ राज्यसभा और लोकसभा के सभी सांसद वोटिंग करते हैं।

सभी सांसद अपनी पसंद का उपराष्ट्रपति चुनने के लिए स्पेशल पेन का इस्तेमाल करते हैं। ये पेन इलेक्शन कमीशन देता है। अगर किसी सांसद ने कोई और पेन का इस्तेमाल किया है, तो उसका वोट रिजेक्ट कर दिया जाता है।बैलेट पेपर पर कैंडिडेट्स का सिर्फ नाम होता है। कोई इलेक्शन सिंबल नहीं होता है।

वो कैंडिडेट जीतता है, जिसे कुल वोट के 50% से एक ज्यादा वोट मिलते हैं।उप राष्ट्रपति बनने के लिए 50% से एक ज्यादा यानी 396 वोट चाहिए।लोकसभा में 545 मेंबर हैं, लेकिन 2 सीट खाली हैं। वहीं, बीजेपी सांसद छेदी पासवान को कोर्ट ने अयोग्य घोषित किया है। इस तरह 542 सांसद अपने वोट का इस्तेमाल करेंगे।

वहीं, राज्यसभा में कुल 245 मेंबर हैं, लेकिन एक सीट खाली है। 244 सांसद वोट डालेंगे। यानी 542+244= 786 सांसद वोट डाल सकते हैं।उपराष्ट्रपति चुनाव में सांसद प्रिफरेंस के हिसाब से वोट करते हैं।मान लीजिए इलेक्शन में चार कैंडिडेट A, B, C, D मैदान में हैं, तो वोटर को सभी कैंडिडेट को वोट देने होते हैं। एग्जाम्पल के लिए: D- को पहली पसंद बताया। B- को दूसरी, A- को तीसरी और C को चौथी।

फर्स्ट प्रिफरेंस वाले वोटों की काउंटिंग की जाती है। अगर पहली काउंटिंग में ही किसी कैंडिडेट को 396 या इससे ज्यादा वोट मिल जाते हैं तो वह जीत जीता है।फर्स्ट प्रिफरेंस वोट की काउंटिंग में अगर किसी भी कैंडिडेट को जरूरी 396 या इससे ज्यादा वोट नहीं मिले तो फिर सेकंड प्रिफरेंस के वोट की काउंटिंग की जाती है। इसे ऐसे समझते हैं:

फर्स्ट प्रिफरेंस में A को 290, B को 150, C को 190 मिले और D 160 वोट मिले। ऐसे में किसी को भी जरूरी 396 वोट नहीं मिले।ऐसी स्थिति में इलेक्शन ऑफिसर सबसे कम वोट मिले कैंडिडेट को बाहर कर देता है। ऐसे में B कैंडिडेट बाहर हो जाएगा। अब ये देखा जाता है कि जिन 150 सांसदों ने B को वोट दिया है। उन्होंने सेंकड प्रिफरेंस वोट किसे दिया है।

इन 150 सांसदों में से A को 108 सेंकड प्रिफरेंस वोट मिले। C को 22 मिले। D को 10 मिले। बाकी बचे 10 वोट उसने B को दिए थे, जो बाहर हो चुका है। इस हिसाब से फर्स्ट और सेकंड प्रिफरेंस के वोट मिलाने पर A को 398, C को 212 और D को 170 वोट मिले। इस तरह A को जीत के लिए जरूरी 396 वोट से 2 ज्यादा मिले। इसलिए A जीत जाएगा।

इससे भी नतीजा नहीं निकला तो सबसे कम वोट पाने वाले कैंडिडेट को बाहर करने का यह सिलसिला तब तक चलता रहता है, जब तक कि किसी एक कैंडिडेट को जरूरी वोट नहीं मिल जाते।बीजेपी: 58, कांग्रेस: 57, सपा: 18, एआईएडीएमके: 13, टीएमसी: 12, जेडीयू: 10, बीजेडी: 8, सीपीआईएम: 8, नॉमिनेटेड: 8, टीडीपी: 6, इंडिपेंडेंट और अन्य: 6, बीएसपी: 5, एनसीपी: 5, डीएमके: 4, टीआरएस: 3, आरजेडी: 3, शिवसेना: 3, एसएडी: 3, पीडीपी: 2, जेडीएस: 1, जेएमएम: 1, केरला कांग्रेस (एम): 1, इंडियन नेशनल लोक दल: 1, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग: 1, सीपीआई: 1, बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट: 1, सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट: 1, रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया: 1, नगा पीपुल्स फ्रंट: 1, वाईएसआर कांग्रेस पार्टी: 1।

लोकसभा में एनडीए के पास 338 मेंबर हैं। बीजेपी के पास 281 हैं।68 साल के वेंकैया का जन्म 1 जुलाई, 1949 को नेल्लोर के चावतापालेम में हुआ था। वेंकैया का नाम सबसे पहले 1972 के जय आंध्र आंदोलन से सुर्खियों में आया था। 1974 में वे आंध्रा यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट यूनियन के नेता चुने गए। इसके बाद वह आपातकाल के दौरान जेपी आंदोलन से जुड़े।

आपातकाल के बाद ही उनका जुड़ाव जनता पार्टी से हो गया था। वे 1977 से 1980 तक जनता पार्टी की यूथ विंग के प्रेसिडेंट भी रहे। बाद में वे भारतीय जनता पार्टी के साथ जुड़ गए। 1978 से 85 तक वे दो बार विधायक भी रहे।1980-85 के बीच वेंकैया आंध्र प्रदेश में बीजेपी के नेता रहे। 1985-88 तक पार्टी के जनरल सेक्रेटरी रहे।

1988-93 तक उन्हें राज्य का बीजेपी प्रेसिडेंट बनाया गया। सितंबर, 1993 से 2000 तक वे नेशनल जनरल सेक्रेटरी की पोस्ट पर भी रहे। वे 2002 से 2004 के बीच बीजेपी के नेशनल प्रेसिडेंट भी रहे।वेंकैया अटल बिहारी वायजेपी के करीबी थे, जिस वजह से उन्हें वाजपेयी सरकार में केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री का जिम्मा सौंपा गया था। मोदी सरकार में वे शहरी विकास, आवास तथा शहरी गरीबी उन्‍मूलन और संसदीय कार्य मंत्री रहे।

नायडू की पत्नी का नाम एम. उषा है। परिवार में एक बेटा और दो बेटी हैं।71 साल के गोपाल कृष्ण गांधी का जन्म 22 अप्रैल 1946 को हुआ। उनके पिता देवदास थे, जो महात्मा गांधी और कस्तूरबा गांधी के सबसे छोटे बेटे थे। गोपाल कृष्ण की मां का नाम लक्ष्मी था। वे फ्रीडम फाइटर और कांग्रेस के सीनियर लीडर सी. राजगोपालाचारी की बेटी थीं।

गोपालकृष्ण 1968 में आईएएस बने। 2004 से 2009 के बीच वे वेस्ट बंगाल के गवर्नर रहे। ये वो दौर था जब 294 मेंबर्स वाली असेंबली में अकेले लेफ्ट के 235 विधायक थे। इसी दौरान बंगाल में सिंगूर और नंदीग्राम जैसे हिंसक आंदोलन हुए।2008 में जब सिंगूर हिंसा की आग में जल रहा था तब गोपालकृष्ण गांधी ही थे जिन्होंने बुद्धदेव भट्टाचार्य और ममता को बातचीत के लिए राजी किया। लेफ्ट की ताकत बंगाल में कम होती गई और ममता बनर्जी नई ताकत के तौर पर सामने आईं।

गांधी सेंट स्टीफंस कॉलेज से निकले हैं। आईएएस बनने के बाद 80 के दशक तक वे तमिलनाडु में तैनात रहे। 1985 से 1987 तक वे वाइस प्रेसिडेंट के सेक्रेटरी रहे। अगले पांच साल तक वे प्रेसिडेंट के ज्वॉइंट सेक्रेटरी रहे।1992 से 2003 तक वे कई डिप्लोमैटिक पोस्ट पर रहे। 1996 में साउथ अफ्रीका में इंडियन हाईकमिश्नर, 1997 से 2000 तक प्रेसिडेंट

अगले पांच साल तक वो प्रेसिडेंट के ज्वॉइंट सेक्रेटरी रहे।1992 से 2003 तक वो कई डिप्लोमैटिक पोस्ट्स पर रहे। 1996 में साउथ अफ्रीका में इंडियन हाईकमिश्नर, 1997 से 2000 तक प्रेसिडेंट के सेक्रेटरी, 2000 में श्रीलंका में हाईकमिश्नर रहे। 2002 के बाद गांधी नॉर्वे और आयरलैंड में एम्बेसडर रहे।

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