अशोक सिंघल पंचतत्त्व में विलीन हुए

ashok-Singhal

विहिप के संरक्षक अशोक सिंघल का पार्थिव शरीर बुधवार को दिल्ली में मातृभूमि की वंदना के साथ हारों लोगों की नम आंखों के बीच पंचतत्त्व में विलीन हो गया. नब्बे वर्षीय सिंघल का मंगलवार को अपराह्न करीब ढाई बजे गुड़गाँव के मेदांता अस्पताल में निधन हो गया था. उन्हें फेफड़ों में संक्रमण के कारण सांस लेने की तकलीफ की वजह से 14 नवंबर को इलाहाबाद से गुड़गाँव लाकर इस अस्पताल में भर्ती कराया गया था. अशोक सिंघल के पार्थिव शरीर को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के झण्डेवालान स्थित कार्यालय केशव कुंज में रखा गया था,

जहाँ से उनकी अन्तिम यात्रा दोपहर करीब दो बजे रानी झांसी रोड, फिल्मिस्तान, तीस हजारी एवं अन्तर्राष्ट्रीय बस अड्डा होकर जाने वाले मार्ग से निकली. मार्ग के दोनों ओर हजारों की संख्या में लोगों ने अपने चहेते नेता के अन्तिम दर्शन किये. अंतिम यात्रा में पुष्प वर्षा और जय श्री राम का उद्घोष होता रहा. अशोक सिंघल की शवयात्रा लगभग तीन घंटे के बाद निगम बोध घाट पर पांच बजे पहुँची. उनके भतीजे सलिल सिंघल ने शाम पाँच बजकर 20 मिनट पर उनकी चिता को मुखाग्नि दी. इससे पहले संघ की प्रार्थना ‘‘नमस्ते सदा वत्सले मातृभूमे ..’’ की गयी.

Check Also

आरबीआई ने सभी क्रेडिट सूचना कंपनियों को दिया एक आंतरिक लोकपाल नियुक्त करने का निर्देश

आरबीआई ने सभी क्रेडिट सूचना कंपनियों को 1 अप्रैल, 2023 तक एक आंतरिक लोकपाल नियुक्त करने …