रोहित वेमुला की मौत के बाद हैदराबाद केन्द्रीय विश्वविद्यालय (एचसीयू) जाने वाले कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी और अन्य नेताओं पर निशाना साधते हुए केन्द्रीय मंत्री वेंकैया नायडू ने आज कहा कि उन्होंने मुख्य मुद्दे पर गौर करने का गंभीर प्रयास किये बगैर राजनीति करने की कोशिश की। उन्होंने कहा, ‘(पहले भी) हैदराबाद विश्वविद्यालय में दस छात्रों ने खुदकुशी की थी। उनकी (विपक्ष) भाषा में कहें तो उनमें से कुछ दलित थे। लेकिन कोई नेता तब नहीं आया। किसी ने हमदर्दी नहीं दिखाई क्योंकि तब वे सत्ता में थे।
सभी (जनवरी में) ऐसे आये मानो तीर्थयात्रा पर आए हों। नायडू ने कहा कि नेता सामाजिक सौहार्द स्थापित करने और इन घटनाओं को फिर से होने देने से रोकने का प्रयास करने के बजाय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हैं।उन्होंने कहा, ‘समस्या क्या है? उसने खुदकुशी क्यों की? परिस्थितियां क्या थीं? क्या आरोप सही थे? इस मुद्दे को कैसे सुलझाया जाए? व्यवस्था में बदलाव कैसे लाया जाए? कौन जिम्मेदार है? क्या कदम उठाए जाएं यह बताए बगैर कि एकसाथ आगे कैसे बढ़ा जाए, उन्होंने कहा ‘मोदी’।
नायडू ने कहा, ‘यह बताए जाने पर कि इससे पहले जब वे दस साल सत्ता में थे तो दस छात्रों की मौत हुई थी, उन्होंने कहा कि वे चीजें हमारे (राजग) शासन के दौरान हुईं और वे नियमित रूप से होती हैं।केन्द्रीय शहरी विकास मंत्री केन्द्र की ‘ग्राम उदय से भारत उदय’ योजना के तहत शहर के बाहरी इलाके में स्थित बोवरामपेट गांव में एक किसान ग्राम सभा में बोल रहे थे।
उन्होंने कहा कि जाति और धर्म को राजनीति से अलग किया जाना चाहिए। राजनीतिक लाभ के लिए देश में मुस्लिम तुष्टीकरण किया जा रहा है। सामाजिक सौहार्द स्थापित करने पर जोर देत हुए उन्होंने कहा कि धर्म निजी पसंद का विषय है। उन्होंने मंदिरों में महिलाओं के बिना रूकावट के प्रवेश की वकालत की। भाजपा नेता ने महात्मा गांधी का हवाला देते हुए कहा कि देश का विकास गांव के विकास के बगैर अधूरा है।