भाजपा और कांग्रेस दोनो अपने सियासी किलों को मजबूत करने में जुट गई हैं.अपने विधायकों के भरोसे के संकट से जूझ रही भाजपा ने जहां अपने 26 और कांग्रेस के 9 बागियों को तीन दिन से गुड़गांव के लीला होटल में निगरानी में रखा हुआ है. वहीं रविवार को कांग्रेस कैंप ने भी भाजपा की तर्ज पर अपने समर्थक तमाम विधायकों को रामनगर रवाना कर दिया. इन विधायकों में कांग्रेस के विधायकों के अलावा पीडीएफ के विधायक और भाजपा के भीमलाल आर्य भी हैं.
उत्तराखंड के सियासी संकट के बीच सीएम हरीश रावत ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा पर जमकर हमला बोला है. मीडिया से बात करते हुए उत्तराखंड के सीएम हरीश रावत ने कहा कि बीजेपी राज्य सरकार को अस्थिर करने की कोशिश कर रही है, वे लोकतंत्र की हत्या कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि मोदी जी को होली की मुबारकवाद देता हूं, लेकिन उनसे कह रहा हूं लोकतंत्र की हत्या की होली न खेलें. रंगों की होली खेलें.
हरीश रावत ने कहा कि भाजपा ने पहले घोड़े की टांग तोड़ी और अब हार्स ट्रेंडिग करके उत्तराखंड राज्य की टांग तोड़ रहे है. वो संघीय ढ़ाचे की बात करते हैं, लेकिन वो विपक्ष को निशाना बना रहे हैं. यह एक किस्म का मुठभेड़ है.इस बीच दोनो विरोधी खेमों में घात प्रतिघात का दौर भी शुरू हो गया है. एक दूसरे की जमीन खिसकाने में कोई भी कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहा. रविवार दिनभर चले घटनाक्रम में जहां भाजपा का राष्ट्रीय नेतृत्व पूरे मामले से किनारा करता दिखा और उसने प्रदेश के सियासी संकट के लिए कांग्रेस को ही जिम्मेदार बताया.
वहीं मुख्यमंत्री हरीश रावत ने अचानक निजी कार से विधानसभा पहुंचे और हरक सिंह रावत के कक्ष में छापा मारा और फाइलें फाड़ रहे व फाइलें समेट रहे हरक सिंह के निजी सचिव को कक्ष से बाहर करके उनके दफ्तर को सीज कर दिया. उनके और फिर संसदीय कार्यमंत्री के तमाम प्रशासनिक अमले के साथ विस पहुंचने और करीब दो घंटे वहीं बिताने को लेकर कई किस्म की कयासबाजी हो रही है.विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल ने कहा कि कांग्रेस के बागी विधायकों को 26 मार्च शाम पांच बजे तक को अपना पक्ष रखने का वक्त दिया गया है. जिसके बाद वह उनके बाबत फैसला लेंगे.
उधर, प्रदेश कांग्रेस कमेटी की प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय की अध्यक्षता में हुई बैठक में कांग्रेस की आगामी रणनीति भी तय की गई. कांग्रेस ने सरकार गिराने के भाजपा के प्रयास को मुद्दा बनाने का फैसला तो लिया ही है साथ ही बागी 9 विधायकों के विधानसभा क्षेत्र की जिला से लेकर ग्राम व बाजार इकाइयां भंग कर दी हैं.इसी के साथ विधानसभा में पार्टी विरोधी नेताओं कार्यकर्ताओं को चिह्नित करने व कार्रवाई की जिम्मेदारी प्रदेश अनुशासन समिति को सौंप दी है.
दल-बदल के नोटिस पर हरक ने कहा कि हमने जो भी किया विधानसभा की कार्यवाही यानी स्थगन के बाद किया. दल बदल किया होता तो सरकार गिर चुकी होती. विधानसभा की कार्यवाही से बाहर हुए घटनाक्रम पर स्पीकर कार्रवाई नहीं कर सकते.उन्होंने चार्टर्ड फ्लाइट लेने की बात को झूठ करार देते हुए कहा कि हमने स्पाइसजेट के विमान से सफर किया है और हमारे पास उसका बोर्डिग पास है. हरक ने कहा कि 15 करोड़ लेने का आरोप बेबुनियाद है. हरक के पीएस के उनके दफ्तर में जाने और फिर सीएम के पहुंचने और इंदिरा हृदयेश का विस में दो घंटे रुकने पर कयास लगाए जा रहे हैं.
भाजपा विस की कार्यवाही में बदलाव के आरोप लगा रही है. उसका कहना है कि दफ्तर को किसी अधिकारी से सील कराया जा सकता था. रविवार को मुख्यमंत्री सचिवालय पहुंचे थे. वह लिफ्ट तक पहुंचे और अधिकारियों को कुछ इशारा किया और निजी कार से विधानसभा रवाना हो गए.