यूपी मंत्रिमंडल ने 17 अति पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जाति वर्ग में शामिल करने के प्रस्ताव को फिर पारित किया. इसे जल्द ही केंद्र के पास भेजा जाएगा.राज्य सरकार के उच्च पदस्थ सूत्रों ने बताया कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में 17 अति पिछड़ी जातियों कहार, कश्यप, केवट, निषाद, बिंद, भर, प्रजापति, राजभर, बाथम, गौर, तुरा, मांझी, मल्लाह, कुम्हार, धीमर, गोडिया और मछुआ को अनुसूचित जाति में शामिल करने के प्रस्ताव को हरी झंडी दे दी गई है.
इसे जल्द ही केंद्र की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा. राज्य विधानसभा चुनाव के नजदीक आने के बीच सरकार के इस कदम को इन पिछड़ी जातियों को लुभाने की कोशिश माना जा रहा है.हालांकि यह पहली बार नहीं है कि जब इस प्रस्ताव को कैबिनेट से पारित करके केंद्र के पास भेजा गया हो. वर्ष 2004 में तत्कालीन मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने भी यही प्रस्ताव पारित कराकर केंद्र के पास भेजा था. इसी तरह मौजूदा अखिलेश यादव सरकार ने भी 22 मार्च 2013 को विधानसभा में यह प्रस्ताव पारित कराकर केंद्र को प्रेषित किया था.
प्रस्ताव में कहा गया था कि उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान द्वारा किए गए विस्तृत अध्ययन के अनुसार इन 17 जातियों को अनुसूचित जाति में शामिल किया जाना चाहिए.संवैधानिक प्रावधानों के मुताबिक किसी जाति को अनुसूचित जाति में शामिल करने के लिए संसद में प्रस्ताव पारित कराना अनिवार्य है.