राहुल गांधी ने बुधवार को कहा कि आम बजट में दूरदर्शिता की कमी साफ दिखाई दे रही है और यह एक फुस्स बम है.राहुल ने कहा हम आतिशबाजी की उम्मीद कर रहे थे, लेकिन उसकी जगह हमें एक फुस्स बम मिला है.कांग्रेस उपाध्यक्ष ने कहा बजट में दूरदर्शिता की कमी है. राजनीतिक वित्त पोषण में पारदर्शिता लाने के लिए किसी भी कदम का हम समर्थन करेंगे.
उन्होंने कहा यह शेरो-शायरी का बजट था. इसमें किसानों और युवाओं के लिए कुछ भी नहीं है.आपको बता दें कि जेटली ने बजट के दौरान शायरी पढ़ी थी- नई दुनिया है, नया दौर है, नई है उमंग, कुछ हैं पहले के तरीके तो कुछ हैं आज के रंग-ढंग, रोशनी आकर अंधेरे से जो टकराई, कालेधन को भी बदलना पड़ा अपना रंग.उन्होंने एक और शायरी पढ़ी- जो बात नई है, उसे अपनाइए आप. डरते हैं क्यों नई राह पर चलने से, हम आगे आगे चलते हैं,