वित्त मंत्री अरूण जेटली ने सोमवार को लोकसभा में वर्ष 2016-17 का आम बजट पेश करते हुये विकास का नौ सूत्री एजेंडा रखा जिसमें कृषि, ग्रामीण, सामाजिक, शिक्षा, कौशल विकास, रोजगार सृजन से उत्पादक अर्थव्यवस्था, ढांचागत क्षेत्र में निवेश, वित्तीय सुधार, प्रशासनिक सुधार, सरल कारोबारी माहौल, वित्तीय अनुशासन और कर सुधार पर जोर देते हुये वित्तीय प्रावधान किये हैं.
बजट में आयकर स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया गया है जिससे वेतनभोगियों को कोई राहत नहीं मिली है लेकिन आवास भत्ते पर मिलने वाली छूट सीमा को 24 हजार रुपये से बढाकर 60 हजार रुपये वार्षिक कर दी गयी है.जेटली ने देश के विकास पर कुल मिलाकर 19.78 लाख करोड़ रुपए व्यय करने का ऐलान करते हुये कहा कि बुनियादी ढांचा क्षेत्र के लिए दो लाख 21 हजार करोड़ रुपये से अधिक का प्रावधान किया गया है. इसमें लगभग 10000 किलोमीटर राष्ट्रीय राजमार्गों को मंजूरी देते हुये प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना सहित सड़क क्षेत्र में 97000 करोड़ रुपए का निवेश किया जायेगा.
बजट में ग्राम पंचायतों और नगरपालिकाओं के लिए अनुदान के रूप में 2.87 लाख करोड़ रुपए की व्यवस्था की गयी है. इसके साथ ही पांच वर्षों में किसानों की आय दोगुनी करने के लक्ष्य के साथ कृषि एवं किसान कल्याण के लिए वर्ष 2016-17 में 35984 करोड़ रूपए का आवंटन किया गया है.
प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना को मिशन मोड में लागू करने की भी घोषणा की गयी है. अगले वित्त वर्ष में नौ लाख करोड़ रुपये कृषि रिण का लक्ष्य रखा गया है जबकि चालू वित्त वर्ष में यह 8.5 लाख करोड़ रुपये है. प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के लिए 5500 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.
श्यामा प्रसाद मुखर्जी ग्रामीण शहरी मिशन के तहत 300 ग्रामीण शहरी बस्तियों के विकास और मई 2018 तक देश के सभी गांवों में बिजली पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है.जेटली ने कहा कि बजट में कुल व्यय 19.78 लाख करोड़ रुपए अनुमानित है, जिसमें योजना व्यय 5.50 लाख करोड़ रुपए और गैर-योजना के अधीन 14.28 लाख करोड़ रुपए रखे गये हैं.
योजना व्यय में चालू वित्त वर्ष के बजट अनुमानों की तुलना में 15.3 प्रतिशत की वृद्धि की गई है. योजना आवंटनों में कृषि, सिंचाई, स्वास्थ्य, महिला और बाल विकास, अनुसूचित जातियों, जनजातियों और अल्पसंख्यकों के कल्याण तथा बुनियादी ढांचा जैसे सामाजिक क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया गया है.
यूपीए सरकार द्वारा शुरू की गयी महात्वाकांक्षी योजना मनरेगा के लिए अब तक का सबसे अधिक 38500 करोड़ रुपये का बजटीय आवंटन किया गया है. नाबार्ड में लगभग 20000 करोड़ रुपए की प्रारंभिक निधि से सिंचाई निधि बनाने की घोषणा करते हुये मनरेगा के तहत वर्षा वाले इलाकों में 5 लाख फार्म तालाबों, कुओं का निर्माण करना सरकार का लक्ष्य रखा गया है. किसानों पर कर्ज का बोझ कम करने के लिए 15000 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है.
वित्त मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत स्वीकृत राशि का लक्ष्य बढ़ाकर 1.80 लाख करोड़ रुपए करने का प्रस्ताव है. पारदर्शिता, जवाबदेही और निपुणता में सुधार लाने के लिए कंपनियों को स्टॉक एक्सचेंजों में सूचीबद्ध किया जाएगा. गैर-कानूनी जमावर्ती योजनाओं से निपटने के लिए व्यापक केन्द्रीय कानून तैयार किया जाएगा. ग्रामीण क्षेत्रों में वित्तीय सेवाओं की बेहतर पहुंच उपलब्ध कराने के लिए सरकार अगले तीन वर्षों के दौरान डाकघरों में एटीएम और माइक्रो एटीएम की बड़ी राष्ट्रव्यापी योजना शुरू की जायेगी.
सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के पुन: पूंजीकरण के लिए 25 हजार करोड़ रुपए का निवेश करने का प्रस्ताव किया गया है. सरकार के महत्वाकांक्षी अभियान मेक इन इंडिया के तहत उद्योगों को प्रोत्साहित करने के लिए भी नये कदम उठाये गये हैं. नई विनिर्माण कंपनियों को 25 कॉर्पोरेट कर दिए जाने का विकल्प देने के साथ ही 5 करोड़ रुपये से कम की कंपनियों पर 29 प्रतिशत कॉर्पोरेट कर लगाने का प्रावधान किया गया है.
जेटली ने कहा कि उच्च शिक्षा के लिए 1000 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं. 97,000 करोड़ सड़क और हाइवे के लिए दिए जाएंगे. सर्व शिक्षा अभियान पर ख़ास ज़ोर रहेगा. 62 नए नवोदय स्कूल खोले जाएंगे. 15 हज़ार स्किल डेवलपमेंट सेंटर खुलेंगे. स्किल डेवलपमेंट के लिए 17,000 करोड़ दिए जाएंगे. उन्होंने कहा कि पीपीपी मॉडल के तहत नेशनल हेल्थ स्कीम लागू की जाएगी. स्वास्थ्य सेवा को बेहतर किया जाएगा। ग़रीबों के लिए रसोई गैस सुविधा दी जाएगी. महिलाओं के नाम पर एलपीजी कनेक्शन दिए जाएंगे. अब तक 75 लाख लोगों ने गैस सब्सिडी छोड़ी है.
जेटली ने कहा कि एक मई 2018 तक देश के सभी गांवों में बिजली पहुंचाने का टारगेट तय किए गए है. गांवों में बिजलीकरण के लिए 8500 करोड़ का प्रावधान बजट में है. उन्होंने कहा, हमारी विकास दर बेहद ऊंची है जबकि हमें कमज़ोर विरासत मिली थी. करंट अकाउंट डेफिसिट 18.4 बिलियन डॉलर से घटकर 14 बिलियन डॉलर आ गया है.
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि हम स्वास्थ्य बीमा योजना शुरू करेंगे. ग्रामीण विकास पर सरकार ज्यादा खर्च करेगी. पांच साल में किसानों की आमदनी दोगुनी करने का लक्ष्य रखा गया है. किसानों की सुरक्षा के लिए फसल बीमा पर सरकार जोर देगी. हम बैंको को ज्यादा पूंजी देने पर जोर देंगे. हम बीपीएल परिवारों को रसोई गैस देंगे. सरकार कमजोर वर्गों के लिए तीन स्कीम लायेगी.