केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को पिछले तीन साल की अघोषित संपत्ति के बारे में बताया

केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि बीते 3 साल में 71 हजार 941 करोड़ रुपए की अघोषित संपत्ति मिली है। सरकार ने बताया कि ये पैसा इनकम टैक्स (IT) डिपार्टमेंट की बड़े पैमाने पर की गई सर्चिंग और सर्वे के दौरान मिला। रिपोर्ट के मुताबिक फाइनेंस मिनिस्ट्री ने कोर्ट को बताया कि 9 नवंबर से 10 जनवरी तक नोटबंदी के दौरान 5400 करोड़ की अघोषित आय जमा हुई। इसमें 303.367 किलो का सोना जब्त हुआ।

सरकार ने 1 अप्रैल, 2014 से 28 फरवरी, 2017 तक की अघोषित आय का ब्यौरा दिया है। इसमें नोटबंदी का समय भी शामिल है।सरकार के सुप्रीम कोर्ट में दिए एफिडेविट के मुताबिक तीन सालों के दौरान आईटी डिपार्टमेंट ने 2,027 ग्रुप्स पर छापे मारे, जिसमें 36,051 करोड़ से ज्यादा की अघोषित आय बरामद हुई। इसके अलावा 2890 करोड़ की अघोषित संपत्ति भी जब्त की।

एफिडेविट के मुताबिक, आईटी डिपार्टमेंट ने 1 अप्रैल, 2014 से लेकर 28 फरवरी, 2017 तक 15 हजार सर्वे किए, जिसमें 33 हजार करोड़ की अघोषित आय का पता चला।सरकार ने नोटबंदी के अचीवमेंट्स बताते हुए कहा कि 9 नवंबर से शुरू हुई नोटबंदी के 2 महीनों के दौरान आईटी डिपार्टमेंट द्वारा सख्त कदम उठाए गए।

नोटबंदी के दौरान आईटी डिपार्टमेंट ने 1100 सर्चिंग-सर्वे और 5100 वेरिफिकेशंस किए। इस कार्रवाई के चलते 610 करोड़ की संपत्ति जब्त की गई, जिसमें 513 करोड़ का कैश शामिल है।हाल ही में फाइनेंस मिनिस्ट्री ने उस बात को खारिज कर दिया था, जिसमें 500 और 1000 के पुराने नोटों को बदलने के लिए और मोहलत देने की बात कही गई थी।

वित्त मंत्रालय के मुताबिक, 11 जुलाई को गृह मंत्रालय ने कहा था कि इंटेलिजेंस एजेंसीज के मुताबिक पुराने नोटों को बदलने का बड़े पैमाने पर गलत इस्तेमाल हो रहा था।एफिडेविट के मुताबिक, “नवंबर 2016 में 147.9 करोड़ और दिसंबर में 306.897 करोड़ रु. का कैश जब्त किया गया। वहीं नवंबर में 69.1 किलो और दिसंबर 2016 में 234.267 किलो सोना जब्त किया गया।नोटबंदी के दौरान गड़बड़ियों के चलते 400 से ज्यादा मामले सीबीआई और एन्फोर्समेंट डायरेक्टरेट (ED) को रैफर किए गए।

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