गुजरात में के उना में पिछले दिनों कुछ दलित युवकों की बर्बर पिटाई का वीडियो सामने आने के बाद इसके विरोध में जारी हिंसक प्रदर्शन थमने का नाम नहीं ले रहा.मंगलवार को हुए प्रदर्शन के दौरान पथराव में घायल एक पुलिसकर्मी की मौत हो गई जबकि एक व्यक्ति ने तेजाब पीकर खुदकुशी कर ली.उधर, राजकोट और जूनागढ़ में पांच दलित युवकों ने जहर खाकर जान देने का प्रयास किया.
पुलिस ने अलग-अलग स्थानों से ओबीसी एकता मंच और ठाकोर सेना के अध्यक्ष अल्पेश ठाकोर और उनके 40 समर्थकों समेत पांच सौ से अधिक लोगों को हिरासत में लिया है.अमरेली के पुलिस अधीक्षक जेए पटेल ने बताया कि वहां दलित समाज की रैली के लिए नवचेतन डी परमार ने अनुमति मांगी थी. रैली को राजकमल चौक से कलेक्टर कार्यालय तक जाने की अनुमति दी गई थी.
इस दौरान भीड़ ने गलत बर्ताव शुरू कर दिया और तय रास्ता छोड़कर दुकानें बंद कराने और बसों में तोड़फोड़ करने लगे.पुलिस ने जब उन्हें नियंत्रित करने के लिए हल्का बल प्रयोग और आंसू गैस के गोले छोड़े तो उन्होंने भारी पथराव किया जिससे छह पुलिसकर्मी घायल हो गए. इनमें से एक हेड कांस्टेबल पंकज अमरेलिया (42) को सिर में चोट के बाद राजकोट के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था जहां बाद में उनकी मौत हो गई.
उधर, जूनागढ़ जिले के भेसाण तालुका के खांभलिया गांव में 40 वर्ष के हेमंत सोलंकी ने घटना के विरोध में तेजाब पीकर आत्महत्या कर ली. हालांकि पूरे मामले की जांच की जा रही है.ज्ञातव्य है कि मंगलवार को राजकोट और जूनागढ़ में पांच दलित युवकों ने जहर खाकर जान देने का प्रयास किया जबकि सोमवार को ऐसे सात मामले राजकोट और जामनगर जिले में सामने आए थे.
उग्र भीड़ ने सोमवार रात राजकोट जिले के धोराजी में राज्य परिवहन निगम की दो बसों तथा जामनगर के ध्रोल के लतीनगर में एक बस को जला दिया था.उधर, मुख्यमंत्री आनंदीबेन पटेल ने बनासकांठा के अंबाजी में पत्रकारों से कहा कि इस ¨नदनीय घटना के लिए पहले ही चार से पांच पुलिसकर्मियों को निलंबित किया जा चुका है तथा कई आरोपी पकड़े जा चुके हैं अब भी अन्य दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा.