दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच ने 6 मार्च को JNU के छात्र उमर खालिद और अन्य आरोपियों के खिलाफ दंगों की धाराओं में मामला दर्ज किया था, जिसमें तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था.
हालांकि उन तीनों गिरफ्तार आरोपियों को बाद में जमानत मिल गई और ये जांच दिल्ली क्राइम ब्रांच से दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल को दी गयी.
पुलिस को जांच में पता चला था कि दिल्ली में दंगों के पीछे एक बड़ी साजिश रची गई है, इसलिए इस दर्ज मामले में पुलिस ने हत्या, हत्या की कोशिश, हथियार इस्तेमाल करने, देशद्रोह और UAPA की धारा 13,16,17,18 के तहत मामला दर्ज किया.
पुलिस ने इसमें 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया, इशरत जहां, सफूरा जरगर, गुलफिशा़, खालिद सैफी, मीरन हैदर और ताहिर हुसैन. दिल्ली पुलिस स्पेशल सेल ने सबसे पहले जामिया युनिवर्सिटी के PHD छात्र मीरन हैदर को गिरफ्तार किया था.
मीरन पर आरोप है कि इसने दिल्ली में दंगों को भड़काने की साजिश रची और फंडिग भी की. पुलिस फंडिग की भी जांच कर रही है. इसके बाद पुलिस ने पिंजरा तोड़ नामक NGO के नाम पर जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के नीचे महिलाओं की भीड़ इकट्ठी की.
इसके अलावा सफूरा जरगर, इशरत जहां और खालिद सैफी पर भी लोगों की भीड़ इकट्ठी करने और दंगें कराने का आरोप है. इसके अलावा दिल्ली पुलिस ने IB में काम करने वाले अंकित शर्मा की हत्या के आरोपी और दंगे करवाने के आरोपी आम आदमी पार्टी के पार्षद ताहिर हुसैन को भी गिरफ्तार किया है.
आरोपी के वकील अकरम के मुताबिक दिल्ली पुलिस ने इन सभी गिरफ्तार आरोपियों पर UAPA की धारा13,16,17,18 भी लगा दी है. यानी उमर खालिद जो अभी गिरफ्त से बाहर है उसकी गिरफ्तारी के बाद उस पर इस धारा के तहत मुकद्मा चलाया जा सकता है.
उमर खालिद पर इससे पहले JNU में देश के खिलाफ नारेबाजी करने के मामले में भी मामला दर्ज हो चुका है और देशद्रोह की धारा के तहत चार्जशीट भी दाखिल हो चुकी है.
उमर खालिद को अगर पुलिस जांच के बाद गिरफ्तार करती है तो ये दूसरा मामला होगा जिसमें उमर खालिद देशद्रोह और आतंकियों के खिलाफ लगने वाली धाराओं में गिरफ्तारी होगी.
बताते चलें कि UAPA और देशद्रोह जैसी गंभीर धाराओं में मामला दर्ज होने के बाद अब आरोपियों को अदालत से जमानत मिलना भी काफी मुश्किल होगा और केस भी स्पेशल कोर्ट में सुना जायेगा.