उत्तराखंड में दो विधायकों भीम लाल आर्य और रेखा आर्य की विधायकी चली गई है.विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल ने दोनो विधायकों की सदस्यता खत्म करने की घोषणा की है. भीम लाल आर्य घनसाली से भाजपा के विधायक रहे हैं. जबकि रेखा आर्य सोमेर से कांग्रेस की विधायक रही हैं.
सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर 10 मई को हरीश रावत सरकार के विश्वासमत के दौरान भाजपा भीम लाल आर्य ने जहां पार्टी व्हिप का उल्लंघन करते हुए जहां हरीश रावत सरकार के पक्ष में मतदान किया था वहीं कांग्रेस विधायक रेखा आर्य ने अपनी ही कांग्रेस सरकार के विरोध में मतदान किया था. इसी मंगलवार को मामले की सुनवाई के बाद विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल अपना फैसला सुरक्षित रख दिया था.
जिसे बृहस्पतिवार को सार्वजनिक किया गया. राज्यसभा सीट के लिए 11 जून को होने वाले मतदान और विस अध्यक्ष के फैसला सुरक्षित रखने के कारण राजनीतिक हलकों तमाम तरह के कयास लगाए जा रहे थे. बता दें कि दोनो के विरुद्ध दोनो की पार्टियों भाजपा और कांग्रेस ने मत परीक्षण के दौरान पार्टी व्हिप का उल्लंघन का आरोप लगाते हुए विधानसभा अध्यक्ष की अदालत में उनकी विधायकी खारिज करने की अर्जी लगाई थी.
विधानसभा अध्यक्ष ने दोनो विधायकों को अपना-अपना पक्ष रखने का अंतिम मौका दिया था. भीम लाल आर्य तो अपना पक्ष रखने विधानसभा आए लेकिन रेखा आर्य बीमारी का बहाना बनाकर अध्यक्ष के समक्ष पेश नहीं हुई और उन्होंने विस अध्यक्ष से अपना पक्ष रखने के लिए 14 दिन की और मोहलत मांगी.