तीन तलाक के मामले में सुप्रीम कोर्ट में छठे दिन सुनवाई पूरी हो गई। कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा है। हालांकि, कोर्ट ने फैसला सुनाने की अगली तारीख नहीं बताई। इससे पहले ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने मान लिया कि वह निकाहनामे में महिलाओं की राय जानने के लिए काजियों को एक एडवायजरी जारी करेगा।
बुधवार को पांचवें दिन की सुनवाई के दौरान तीन तलाक समर्थकों और विरोधियों की दलीलें पूरी हो गईं। अब दोनों पक्षों के बीच जिरह शुरू हो गई . मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड काजियों को एडवायजरी जारी करेगा कि तीन तलाक पर न सिर्फ महिलाओं का मशविरा लिया जाए, बल्कि उसे निकाहनामे में भी शामिल किया जाए। लेकिन सुप्रीम कोर्ट को तीन तलाक की वैलिडिटी जानने के मसले में नहीं पड़ना चाहिए, क्योंकि किसी कम्युनिटी के रीति-रिवाजों की वैलिडिटी बहुत नाजुक मसला है।
बेंच में चीफ जस्टिस जेएस खेहर, जस्टिस कुरियन जोसेफ, जस्टिस आरएफ नरीमन, जस्टिस यूयू ललित और जस्टिस अब्दुल नजीर शामिल हैं।इस बेंच की खासियत यह है कि इसमें हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई और पारसी धर्म को मानने वाले जज शामिल हैं।इस मसले का जल्द निपटारा करने के लिए सुप्रीम कोर्ट की गर्मी की छुटि्टयों में रोज सुनवाई की शुरुआत हुई है।