पाकिस्तान सरकार कश्मीर में आतंक को सपोर्ट करती रही है। दरअसल, पाकिस्तान पार्लियामेंट की एक कमेटी ने अपनी सरकार को कश्मीर में आतंकियों का सपोर्ट बंद करने का कहा है। कमेटी ने यह भी कहा है कि पाक के एक्शन न लेने से इंटरनेशनल कम्युनिटी में देश का भरोसा कम हो रहा है। यही नहीं कमेटी के चीफ ने माना है कि उनका देश कश्मीर में आतंकियों के खिलाफ गंभीर नहीं है।
नेशनल असेंबली स्टैंडिंग कमेटी ने फॉरेन अफेयर्स पर चार पेज का पॉलिसी पेपर जारी किया।इसमें भारत-पाक संबधों, कश्मीर, वॉटर डिस्ट्रीब्यूशन और आतंकवाद जैसे मुद्दों का जिक्र है।कमेटी के चीफ नवाज शरीफ की पार्टी पीएमएल-एन के सांसद अवैस अहमद लेघारी हैं।रिपोर्ट के मुताबिक, “पाकिस्तान को कश्मीर में हथियारबंद और बैन किए जा चुके आतंकियों को सपोर्ट देना बंद करना चाहिए।”
“इस मसले के हल के लिए पाकिस्तान को कश्मीर रिजॉल्यूशन की बात करनी चाहिए।””कश्मीर के मामले में पाकिस्तान को कश्मीरियों के मोरल और डिप्लोमैटिक सपोर्ट को ढाल बनाना चाहिए।”बता दें कि यह रिपोर्ट ऐसे समय में आई है, जब फरवरी में फॉरेन सेक्रेटरी लेवल की बातचीत होनी है।
“भारत के साथ रिश्ता चार प्रिंसिपल- पहल का जवाब देना, आपसी भरोसे में कमी को खत्म करना, रुकी हुई चीजों को फिर शुरू करना और नतीजे की बुनियाद पर होना चाहिए।”अगर यह नहीं हो पाता है तो दोनों देश कश्मीर, वॉटर, ट्रेड, कल्चर और कम्युनिकेशन के जरिए जुड़े रह सकते हैं।”पानी के मुद्दे पर दोनों देशों को किसी खास प्रोजेक्ट पर बात करने के बजाय पूरे मामले पर बातचीत करनी चाहिए।”
“इसमें इंटरनेशनल फोरम्स पर इंडस वॉटर ट्रीटी से जुड़े मुद्दों को सामने लाना चाहिए।”पाकिस्तान को भारत के साथ इन्फॉर्मल ट्रेड बढ़ाने और कंट्रोल पर फोकस करना चाहिए।”यह कस्टम डिपार्टमेंट की कैपीसिटी और बॉर्डर फोर्सेस को बढ़ाकर किया जा सकता है।””इसके साथ वीजा नियमों में छूट भी दी जानी चाहिए।”
कमेटी के चीफ और सांसद अवैस अहमद लेघारी के मुताबिक, भारत की मांग रही है कि पाक अपनी धरती से आतंक के खिलाफ एक्शन ले।”इंटरनेशनल कम्युनिटी को लगता है कि कश्मीर में आतंकियों के खिलाफ पाकिस्तान सीरियस नहीं है।