सावन में पड़ रहे चारों सोमवार भक्तों के लिए अत्यंत फलदायी माने जा रहे हैं. ज्योतिषाचार्यों की मानें तो इस वर्ष सावन के चारों सोमवार को कई संयोग के चलते सोमवार अत्यंत शुभ हो गये हैं. विधि-विधान से शिवलिंग की पूजा करने से मनोकामना पूर्ण होगी. शास्त्रों में सावन का माह भगवान शिव का माना गया है. इसीलिए इस दौरान पड़ने वाले सोमवार का विशेष महत्व भक्तों में हैं.
इस वर्ष के सोमवार का विशेष महत्व बताते हुए ज्योतिषाचार्य पंडित दीपक पाण्डेय कहते हैं कि इस बार सावन का पहला सोमवार 25 जुलाई को है. जो अत्यंत ही शुभकारी है. मनोकामना पूर्ति के लिए शिव जी की आराधना करें. दूसरा सोमवार 1 अगस्त को पुनर्वसु नक्षत्र के साथ ही मास शिवरात्रि का संयोग पड़ रहा है. इसी के साथ दूसरे दिन भौमवती अमावस्या है.
इसलिए दूसरे सोमवार को भोले बाबा की पूजा करने से कर्ज मुक्ति में लाभ मिलेगा. तीसरा सोमवार 8 अगस्त को हस्त नक्षत्र में पड़ रहा है और चौथा सोमवार 15 अगस्त को पूर्वाषाढ़ नक्षत्र में पड़ रहा है. इसी के साथ इस दिन सोम प्रदोष व्रत का भी संयोग बन पड़ा है जो भक्तों के लिए लाभकारी है. अगर खुश करना है शिव को. ज्योतिषाचार्य कुलदीप शास्त्री और हर्ष मिश्रा के अनुसार शास्त्रों में अनेक प्रकार के द्रव्य से शिवलिंग का अभिषेक करने का निर्देश दिया गया है.
ऐसा करने से शिव अत्यंत प्रसन्न होते हैं. रोग नाश के लिए पुष्प युक्त जल सें, लक्ष्मी की प्राप्ति के लिए गन्ने का रस, मोक्ष प्राप्ति के लिए तीर्थ स्थान के जल से, संतान प्राप्ति के लिए दुग्ध मिश्रित जल से, भीषण ज्वर की समाप्ति के लिए ठंडे पानी की धारा से, वंश वृद्धि के लिए शिव सहस्त्रनाम का पाठ करते हुए निरंतर घी की धारा छोड़ें.
मधुमेह के लिए दूध, शत्रुओं से मुक्ति के लिए सरसों, आरोग्य प्राप्ति के लिए घी और दीर्घायु के लिए गाय के दूध से शिवलिंग का अभिषेक करें. शिवलिंग पर पुष्प चढ़ाने-उतारने का नियम शास्त्रानुसार : ज्योतिषाचार्य संतोष पाद्या व दुर्गेश दीक्षित बताते हैं कि शास्त्रानुसार शिवलिंग पर जल, अक्षत, बिल्व पत्र चढ़ाते समय बम-बम की जयकार जरूर करें. तभी पूजा पूर्ण मानी जाती है.
कनेर, धतूरा, आक, शमी का फूल, शंखपुष्पी, आपामार्ग, कमल, चमेली, नागकेसर, बेला, प्लास, बेलपत्ता, नीलकमल, लालकमल आदि चढ़ायें. भविष्य पुराण के अनुसार जल एवं स्थल में उत्पन्न सुगंधित पुष्प ही शिव को प्रिय हैं. शिवलिंग पर पुप्प चढ़ाते समय पुष्प का मुख ऊपर की ओर रखें.