आज चुनाव आयोग की बैठक में पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव की तारीखों पर हो सकता है फैसला

चुनाव आयोग ने पांचों राज्य पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, असम, केरल और एक केंद्र शासित प्रदेश पुदुचेरी में विधानसभा चुनाव की तैयारियों का खाका तैयार कर लिया है। इस बैठक में पुलिस और CRPF के बंदोबस्त पर भी चुनाव आयोग चर्चा करेगा। बताया जा रहा है कि इस बैठक में पांचों राज्यों के चुनाव कार्यक्रम को अंतिम रूप दिया जाएगा।

इसके बाद चुनाव आयोग जल्द चुनाव की तारीखों का ऐलान कर देगा। गौरतलब है कि पिछले महीने बंगाल के दौरे पर आई केंद्रीय चुनाव आयोग की पूर्ण पीठ बंगाल में कानून-व्यवस्था की स्थिति पर असंतोष जाहिर कर चुकी है। इस कारण भी बंगाल में केंद्रीय बल की ज्यादा कंपनियों की तैनाती की संभावना है।

चुनाव प्रक्रिया को शांतिपूर्ण ढंग से पूरा कराए जाने के लिए राज्यों में केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की तैनाती शुरू हो गई है। चुनाव आयोग पश्चिम बंगाल में सुरक्षा को लेकर खासा चिंतित और सतर्क नजर आ रहा है। चुनाव आयोग ने बंगाल में सीएपीएफ की 125 कंपनियां भेजने का फैसला किया है।

दरअसल इन राज्यों की विधानसभाओं का कार्यकाल मई से जून के बीच में समाप्त होने जा रहा है। ऐसे में इन सभी जगहों पर अप्रैल में चुनाव होने की संभावना है। सूत्रों से मिल रही खबरों के मुताबिक चुनाव आयोग 16 या 17 फरवरी को इन राज्यों के लिए चुनाव की तारीखों का ऐलान कर सकता है।

जानकारी के मुताबिक पश्चिम बंगाल में 7 से 8 चरणों में चुनाव हो सकते हैं जबकि अन्य चार जगहों पर दो से तीन चरणों में वोटिंग हो सकती है।आपको बता दें कि पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी के मुख्यमंत्रित्व में तृणमूल कांग्रेस की सरकार है। वहीं तमिलनाडु में ई पलानीस्वामी की एआईएडीएमके की सरकार है।

जबकि केरल में पिनराई विजयन की अगुआई में लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (एलडीएफ) की सरकार है। दूसरी ओर असम में सर्वानंद सोनवाल की अगुआई में बीजेपी की सरकार है। वहीं पुडुचेरी में सोमवार को  विश्वास प्रस्ताव पर मतदान से पहले इस्तीफा देना पड़ा  नारायणसामी को इस्तीफा देना पड़ा था।

गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल में 294, तमिलनाडु में 234, केरल में 140, असम में 126 और पुडुचेरी में 30 सीटें हैं।आपको बता दें कि 2016 के विधानसभा चुनाव में ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी ने सबसे ज्यादा 211 सीटें जीती थीं। जबकि कांग्रेस- 44, लेफ्ट- 26 और बीजेपी 3 सीटों पर जीत दर्ज करने में कामयाब रही थी। 294 सदस्यीय विधानसभा में बहुमत के लिए 148 सीटें चाहिए।

234 विधानसभा सीटें वाले तमिलनाडु ई पलानीस्वामी की अगुवाई में एआईएडीएमके की सरकार है। 2016 के विधानसभा चुनाव में AIADMK और उसके गठबंधन दलों ने 134 सीटों पर जीत हासिल की थी। वहीं 98 सीटों के साथ DMK दूसरे नंबर पर रही थी। राज्य में डीएमके के साथ कांग्रेस सहित और भी कई छोटे दल हैं। तमिलनाडु में सरकार के गठन के लिए 118 सीटों की जरूरत होती है।

केरल में विधानसभा की 140 सीटें हैं। 2016 के विधानसभा चुनाव में एलडीएफ- 91 और कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) को 47 सीटें मिली थीं। यहां सरकार बनाने के लिए 71 सीटों की जरूरत होती है। राज्य में पिनारई विजयन सीपीआई (एम) के नेतृत्व वाले लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (LDF) की सरकार है।

2016 के चुनाव में 126 विधानसभा सीटों वाले असम में किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिला था। राज्य में बीजेपी- 61 कांग्रेस- 25, असम गण परिषद- 14, एआईयूडीएफ- 13 बोडोलैंड पीपल्स फ्रंट- 12 और एक निर्लदीय सदस्य हैं। बीजेपी ने असम गण परिषद, बोडोलैंड पीपल्स फ्रंट और निर्दलीय विधायक के समर्थन से सरकार बनाई।

पुदुचेरी में विधानसभा की कुल 30 सीटे हैं पिछले दिनों यहां बड़ी सियासी घटना देखने को मिली।  सदन में मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री नारायणसामी ने विश्वास मत खो दिया और उन्हें विश्वास प्रस्ताव पर मतदान से पहले इस्तीफा देना पड़ा और  कांग्रेस सरकार गिर गई। हाल ही में कई कांग्रेस विधायकों और बाहर से समर्थन दे रहे डीएमके के एक विधायक के इस्तीफे के कारण केन्द्र शासित प्रदेश की सरकार अल्पमत में आ गई थी।

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