आरआरबी एनटीपीसी की परीक्षा के रिजल्ट में धांधली आरोप पर लगातार बिहार में छात्रों का प्रदर्शन जारी है। छात्रों के इस बिहार बंद को कई छात्र संगठनों और राजनीतिक दलों का समर्थन प्राप्त है।छात्र संगठन ऑल इंडिया स्टूडेंटस एसोसिएशन (आइसा) व नौजवान संगठन इनौस ने आरआरबी एनटीपीसी की परीक्षा के रिजल्ट में कथित धांधली तथा ग्रुप डी की परीक्षा में एक की जगह दो परीक्षाएं लेने के खिलाफ शुक्रवार को बुलाए गए बिहार बंद को लेकर बंद समर्थक सड़क पर उतरे।
इस बंद का कई राजनीतिक दलों का समर्थन मिला है। बिहार बंद को लेकर राजद कार्यकर्ता हाजीपुर, पटना में कई जगहों पर उतरे और सडक पर आगजनी की। पटना और गांधी सेतु पर जन अधिकार पार्टी (जाप) कार्यकर्ता उतरे और सडकों पर आगजनी कर आवागमन रोका गया। इसके अलावे पटना में एक मार्च निकाला गया।इधर, मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर और अरवल में भी आइसा के बंद समर्थक सड़क पर उतरे और सडक जाम की।
हालांकि इस क्रम में आंदोलनरत छात्र कहीं भी नजर नहीं आ रहे हैं।इस दौरान कई स्थानों पर वाहनों की लंबी कतारें लग गई हैं। जाम के कारण आवगमन ठप हो गया।बंद समर्थक एनटीपीसी परीक्षाफल में धांधली, आंदोलनरत छात्रों की गिरफ्तारी और उनको झूठे मुकदमे में फंसाने के विरोध कर रहे हैं।इधर, बंद समर्थक आइसा के कार्यकर्ता दरभंगा रेलवे स्टेशन के समीप भी रेलवे ट्रैक पर उतरे और ट्रेनें रोकी। सुपौल में भी बंद समर्थक सडक पर उतरे। बंद के कारण कई क्षेत्रों में आवागमन पर प्रतिकूल असर देखा जा रहा है।
इधर, बंद को लेकर रेलवे स्टेशनों से लेकर सडकों तक पर सुरक्षा के पुख्ता प्रबंध किए गए हैं।इस बीच, कई कोचिंग संस्थानों ने छात्रों से अब प्रदर्शन नहीं करने की अपील की है। संस्थानों का कहना है कि रेलवे ने उनकीर करीब करीब सभी मांगें मान ली है, इस कारण अब आंदेालन को कोई औचित्य नहीं है।इस बंद का महागठबंधन में शामिल सभी विपक्षी दलों ने समर्थन किया है।
बिहार में विपक्षी दलों के महागठबंधन में शामिल राजद, कांग्रेस, भाकपा एवं माकपा ने बृहस्पतिवार को संयुक्त रूप से एक ब्यान जारी करके कहा बिहार में देश में सबसे ज्यादा युवा हैं और यहां बेरोजगारी की दर सबसे ज्यादा है। केंद्र और बिहार सरकार द्वारा छात्रों को ठगा जा रहा है। सरकारें उनके लिए नौकरियों का वादा करती रहती है लेकिन जब वे नौकरी की मांग को लेकर सड़कों पर उतरते हैं तो नीतीश कुमार सरकार उन पर लाठियां बरसाती है।
इसी तरह की राय व्यक्त करते हुए आइसा के महासचिव और विधायक संदीप सौरभ ने कहा कि आरआरबी-एनटीपीसी परीक्षा में अनियमितताओं की जांच के लिए रेल मंत्रालय द्वारा गठित समिति उत्तरप्रदेश में चुनाव तक मामले को स्थगित करने की एक साजिश है। उन्होंने दावा किया कि यह केंद्र सरकार का धोखा है। सौरभ ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार बेरोजगार युवकों को नौकरी नहीं देना चाहती।
इस बीच पटना के जिलाधिकारी चंद्रशेखर सिंह एवं वरीय पुलिस अधीक्षक मानवजीत सिंह ढिल्लों ने कोचिंग संचालकों, प्रतिनिधियों के साथ सीधा संवाद स्थापित करने तथा विधि व्यवस्था बनाये रखने के समाहरणालय सभागार में आज एक बैठक की।विदित हो कि 24 जनवरी को राजेंद्रनगर ट्रैक को जाम करने तथा उत्पन्न विधि व्यवस्था से निपटने के दौरान 4 अभ्यार्थियों को हिरासत मे लिया गया था।
उन 4 अभ्यर्थियों ने पूछताछ के दौरान पुलिस को बताया कि उन्हें कोचिंग संचालकों, प्रतिनिधियों के द्वारा यहां पर आने के लिए मार्गदर्शन किया गया है तथा उनका नाम भी बताया गया।पुलिस द्वारा सोशल मीडिया से वीडियो फुटेज भी प्राप्त किए गए हैं। उक्त के आलोक में 6 कोचिंग संचालकों, प्रतिनिधियों के विरुद्ध पत्रकार नगर थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई है।
पूछताछ के दौरान हिरासत में लिए गए अभ्यर्थियों के द्वारा जिन व्यक्तियों का नाम लिया गया तथा प्राथमिकी दर्ज की गई उनमें खान सर, एसके झा सर, नवीन सर, अमरनाथ सर, गगन प्रताप सर और गोपाल वर्मा सर शामिल हैं।जिला प्रशासन द्वारा आज जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार जिन व्यक्तियों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की गई है उन व्यक्तियों को नोटिस निर्गत किया जाएगा तथा उन्हें निर्धारित तिथि, स्थान एवं समय पर अपना पक्ष रखने का मौका दिया जाएगा।
जिलाधिकारी ने कहा कि किसी भी प्रकार की पूर्वाग्रह आधारित अथवा बदले की भावना से कार्य नहीं किए जाएंगे बल्कि पूरी पारदर्शिता एवं साक्ष्य के आधार पर ही विधि सम्मत कार्रवाई की जाएगी।उन्होंने कहा कि गैरकानूनी तथा गैर जिम्मेदाराना कार्य करने वाले तथा समूह को उग्र एवं हिंसात्मक स्वरूप देते हुए आंदोलन के लिए प्रेरित करने वाले असामाजिक तत्वों को चिन्हित कर उनके विरुद्ध विधि सम्मत कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
राज्यसभा सदस्य सुशील कुमार मोदी को रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने आज आश्वासन दिया कि ग्रुप-डी की दो की बजाय एक परीक्षा होगी और एनटीपीसी की परीक्षा के 3।5 लाख अतिरिक्त परिणाम ‘‘वन कैंडीडेट-वन रिजल्ट’’ के आधार पर घोषित किये जाएंगे।सुशील द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार रेलमंत्री ने उनको भरोसा दिलाया कि सरकार छात्रों से सहमत है और उनकी मांग के अनुरूप ही निर्णय जल्द किया जाएगा।
बिहार में सत्ताधारी हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने ट्वीट कर कहा, ‘‘संविधान में हिंसा और तोडफोड़ का अधिकार किसी को नहीं। वैसे अब वक्त आ गया है जब सरकार रोजगार के विषय में बात करे, नहीं तो हालात इससे भी भयानक हो सकते हैं।