हरियाणा में जाट आरक्षण की मांग को लेकर किए गए हिंसक प्रदर्शन के बाद मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर कैबिनेट ने जाट आरक्षण बिल को मंजूरी दे दी.मंजूरी के बाद बिल को विधानसभा में पेश किया जाएगा. कहा जा रहा है कि आज ही यह बिल सदन में पेश कर दिया जाएगा. इसके साथ ही कैबिनेट ने पिछड़ा वर्ग आयोग को वैधानिक दर्जा दे दिया है. हरियाणा सरकार ने आरक्षण विधेयक को मंजूरी के लिए राज्यपाल के पास भेजा है.
जाट आरक्षण आंदोलन के दौरान हुई हिंसा को लेकर सोमवार को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में सुनवाई होगी.हरियाणा सरकार द्वारा प्रदेश में गत दिनों आरक्षण आंदोलन के दौरान अधिकारियों की भूमिका की जांच के लिए गठित की गई प्रकाश सिंह जांच समिति 28 मार्च को सायं 4 बजे कैथल पहुंचेगी. सेवानिवृत डीजीपी प्रकाश सिंह के नेतृत्व में गठित जांच समिति 28 मार्च को सायं 4 बजे से 5 बजे तक कलायत तथा कैथल शहर के हिंसा से प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करेगी.
इसके बाद जांच समिति शाम पांच बजे से छह बजे तक स्थानीय लोक निर्माण विश्राम गृह में समाज के विभिन्न वर्गों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक करेगी. इसके बाद समिति सायं 6 बजे 7 बजे तक प्रशासनिक एवं पुलिस अधिकारियों की बैठक करेगी. इस बैठक में एसएचओ तथा इससे ऊपर रैंक के अधिकारी के साथ-साथ नायब तहसीलदार तथा इससे ऊपर रैंक के अधिकारी भी मौजूद रहेंगे,
जिन्हें आरक्षण आंदोलन के दौरान कार्यकारी मैजिस्ट्रेट नियुक्त किया गया था. आरक्षण आंदोलन के बाद सरकार द्वारा निलंबित या स्थानांतरित किए गए अधिकारियों को भी जांच समिति के दौरा कार्यक्रम के समय उपस्थित रहने के निर्देश दिए गए हैं.दूसरी ओर दिल्ली में इसके विरोध में प्रदर्शन शुरू हो गया. जाट आरक्षण के विरोध में जंतर-मंतर पर जबर्दस्त रैली हुई.