अन्ना हजारे ने शुंगलू कमेटी की रिपोर्ट में दिल्ली के सीएम के खिलाफ आरोपों को पढ़ने के बाद मुझे ठेस पहुंची है। वह करप्शन के खिलाफ लड़ाई में मेरा सहयोगी था। उस समय मुझे लगा कि आज की यंग एजुकेटेड जेनरेशन देश से करप्शन को दूर करने में मेरी मदद कर सकती है, लेकिन ऐसा नहीं हुआ और मेरा सपना टूट गया।
न्यूज एजेंसी के मुताबिक अन्ना ने शुक्रवार को कहा दिल्ली के सीएम सत्ता के चक्कर में पड़कर सभी सिद्धांतों को भूल चुके हैं। केजरीवाल द्वारा आम आदमी पार्टी बनाने के बाद मुझे यह आभास हो गया था कि वह मुझे गुरु क्यों कहता था। केजरीवाल के सीएम बनने के बाद मेरी कभी उससे मिलने की इच्छा नहीं हुई। मुझे यह महसूस हुआ कि यहां मेरी प्रेस्टीज (प्रतिष्ठा) बर्बाद हो जाएगी।
भगवान का शुक्र है कि उन्होंने मुझे बचा लिया।अन्ना हजारे ने केजरीवाल द्वारा कथित तौर पर कॉन्स्टिट्यूशन का पालन ना करने पर भी एतराज जताया। यह भी कहा, मैं आने वाले वक्त में कभी भी केजरीवाल का साथ नहीं दूंगा, क्योंकि उन्होंने मेरी सभी उम्मीदों को तोड़ दिया।अन्ना ने कहा मैं दिल्ली सरकार की किसी भी नीति का सपोर्ट नहीं करता क्योंकि उनके बर्ताव से देश और समाज को नुकसान पहुंचा है।
शुंगलू कमेटी की रिपोर्ट में कहा गया है कि दिल्ली सरकार के एडमिनिस्ट्रेटिव फैसलों में कॉन्स्टिट्यूशन और प्रॉसेस से जुड़े रूल्स का वॉयलेशन किया गया। केजरीवाल सरकार ने पावर का गलत इस्तेमाल किया। बता दें कि सितंबर 2016 में उस वक्त के एलजी नजीब जंग ने सरकार के फैसलों के रिव्यू के लिए शुंगलू कमेटी बनाई थी। कमेटी ने सरकार के कुल 440 फैसलों से जुड़ी फाइलों को खंगाला है।
कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में हेल्थ मिनिस्टर सतेंद्र जैन की बेटी के अप्वाइंटमेंट को गलत ठहराया है। इसके अलावा पार्टी ऑफिस के लिए जमीन के अलॉटमेंट, पार्टी कार्यकर्ताओं को बड़ी संख्या में कथित तौर पर एडवाइजर्स बनाए जाने, DCW चेयरपर्सन स्वाति मालीवाल को रेजीडेंस के अलॉटमेंट समेत कई फैसलों को लेकर सवाल उठाया है।