हरिद्वार में सावन मेले को लेकर गढ़वाल मंडल आयुक्त के नेतृत्व में सीसीआर में इंटरस्टेट बैठक की गई ।इसमें उत्तराखंड के आसपास के तमाम राज्यों के अधिकारी शामिल हुए। कांवड़ मेले को सकुशल संपन्न कराने को लेकर चर्चा की गई ।
बैठक में आए अन्य राज्यों के अधिकारियों ने कांवड़ मेले को सकुशल संपन्न कराने के लिए पूरा सहयोग देने का आश्वासन दिया है। अगले सप्ताह से शुरू होने वाली कावड़ यात्रा को शांतिपूर्वक संपन्न करने के लिए उत्तराखंड का प्रशासन सतर्क है, और इसके लिए पूरी कसरत कर रहा है।
कांवड़ के दौरान सबसे बड़ी समस्या सुरक्षा और ट्रैफिक की होती है। कई राज्यों के लाखों कांवडिए उत्तर प्रदेश के रास्ते उत्तराखण्ड की सीमा में प्रवेश करते हैं। जिनको नियंत्रित करना सबसे बड़ी चुनौती होती है। बैठक में कावड़ मेले के दौरान लॉ एंड आर्डर और कावड़ नियंत्रण की रणनीति बनायीं गयी।
बैठक में कावड़ियों को परिचय पत्र साथ लेकर आने के लिए दिशा निर्देश भी दिए गए।गढ़वाल मंडल आयुक्त सुशील कुमार का कहना है कि इस वर्ष चार धाम यात्रा में बड़ी संख्या में श्रद्धालु यात्रा पर आए अनुमान है। कावड़ यात्रा पर भारी संख्या में श्रद्धालु हरिद्वार आएगें।
इसको देखते हुए हमारे द्वारा सभी प्रकार की तैयारियां की जा रही हैं। ट्रैफिक व्यवस्था को सुचारू चलाने के लिए अन्य राज्यों के अधिकारियों से हमारी वार्ता हुई है। कोरोना के खतरे को देखते हुए चारधाम यात्रा में श्रद्धालुओं का पंजीकरण किया गया था।
मगर अभी कावड़ यात्रा में ऐसा अभी कोई निर्णय नहीं हुआ है। मगर सुरक्षा को देखते हुए अन्य राज्य इस पर ध्यान दें कि वहां से कितने श्रद्धालु हरिद्वार आ रहे हैं। इस सूचना का आदान प्रदान राज्यों के बीच हो।
डीआईजी गढ़वाल करन सिंह नगन्याल का कहना है कि आज इंटरस्टेट बैठक में पांच राज्य के अधिकारियों ने भाग लिया और तैयारियों को लेकर पूरी रूपरेखा तैयार की गई। साथ ही कोरोना महामारी को देखते हुए सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइन के अनुसार कावड़ मेले को सकुशल संपन्न कराया जाएगा।
इनका कहना है कि कोरोना महामारी से पहले 2019 की कावड़ यात्रा पर तीन करोड़ से ज्यादा कावड़ी हरिद्वार आए थे। इस बार अनुमान है कि 4 करोड से ज्यादा कांवड़िए हरिद्वार आयेंगे। इसी को देखते हुए भारी संख्या में अर्ध सैनिक बल पीएससी और उत्तराखंड फोर्स के जवानों को तैनात किया जाएगा।
इस वर्ष कावड़ मेले में करीब चार करोड़ शिवभक्तों के पहुचने की संभावना है। शासन और प्रशासन जाता रहा है क्योंकि महामारी के कारण पिछले 2 साल कावड़ यात्रा पर काफी प्रतिबंध लगे थे। मगर इस बार शासन और प्रशासन द्वारा कावड़ यात्रा पर प्रतिबंध नहीं लगाए गए हैं ।
चारधाम यात्रा पर भी भारी संख्या में श्रद्धालु उत्तराखंड का रुख कर रहे हैं । इसी को देखते हुए प्रशासन भारी संख्या में कांवड़ियों के आने का अनुमान लगा रहा है। और उसके अनुसार ही तैयारी कर रहा है।