भारत बायोटेक के कोवैक्सिन के इंसानों पर परीक्षण के तीसरे चरण की शुरुआत बृहस्पतिवार को यहां अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में हुई।संस्थान के तंत्रिका विज्ञान केंद्र की प्रमुख एमवी पद्मा श्रीवास्तव और तीन अन्य स्वयंसेवकों ने टीके की पहली खुराक ली।भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद के साथ मिलकर भारत बायोटेक कोवैक्सिन को विकसित कर रहा है।
डॉ. श्रीवास्तव को पहला टीका लगाया गया और अगले कुछ दिनों में एम्स में 15 हजार से ज्यादा स्वयंसेवकों को टीका लगाया जाएगा। चार स्वयंसेवकों को मांसपेशियों में आधा मिलीलीटर की पहली खुराक सुई के माध्यम से दी गई। संपर्क किए जाने पर डॉ. श्रीवास्तव ने कहा, कोवैक्सिन देश में निर्मित पहला कोरोना वायरस रोधी टीका है और उससे भी ऊपर मेरा संस्थान परीक्षण में हिस्सा ले रहा है।
टीका लगवाने वाले पहले स्वयंसेवक के तौर पर मैं गौरवान्वित महसूस कर रही हूं। मैं इस महान उद्देश्य का हिस्सा बनकर खुश हूं। मैं पूरी तरह ठीक हूं और काम कर रही हूं। परीक्षण के तहत 0.5 मिलीलीटर की पहली खुराक देने के 28 दिन बाद 0.5 मिलीलीटर की दूसरी खुराक दी जाएगी। तीसरे चरण के तहत 18 वर्ष और उस से ज्यादा की आयु के 28,500 लोगों को विभिन्न केंद्रों पर परीक्षण टीका लगाया जाएगा।
10 राज्यों में करीब 25 केंद्रों पर यह परीक्षण किया जाएगा। कुछ जगहों पर परीक्षण शुरू भी हो गया है।भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) ने भारत बायोटेक को कोवैक्सिन के तीसरे चरण के मानवीय नैदानिक परीक्षण करने की मंजूरी दे दी है। पहले और दूसरे चरण के परीक्षण के सुरक्षा और प्रतिरक्षाजनकता आंकड़े केंद्रीय औषध नियामक को उपलब्ध करा दिए गए हैं।