रेल मंत्री पीयूष गोयल ने लॉकडाउन के चौथे चरण के बीच गुरुवार को बड़ा बयान देते हुए कहा है कि देश को अब सामान्य स्थिति की ओर ले जाने का समय आ गया है।
इस दिशा में एक जून से देश के विभिन्न राज्यों से 200 ट्रेनों की शुरुआत होने वाली है।उन्होंने लोगों से बिचौलियों और दलालों से टिकट न खरीदने की अपील की और कहा कि अगर कोई टिकट की दलाली करता मिले तो हेल्पलाइन 138 पर संपर्क करें।
उन्होंने मिसाल देते हुए कहा आज तक पश्चिम बंगाल में हम मात्र 27 ट्रेन चला पाए हैं। आपको याद होगा कि 8 या 9 मई तक तो वहां मात्र 2 ट्रेन ही पहुंच पायी थी। हम ट्रेन चलने की अनुमति मांगते थे तो नहीं दी, गृह मंत्री ने चिट्ठी लिखी उसके बाद भी 8 ट्रेनों की सूची मिली।
उन्होंने आगे कहा बाद में बंगाल ने 104 ट्रेनों की सूची दी, जो 15 मई से 15 जून तक वहां जानी है यानी 30 दिन में मात्र 104 ट्रेनों के जरिये 1 लाख 70 हजार लोग आप भेजोगे, जबकि जाना चाहते हैं 30 लाख तो हमारे प्रवासी मजदूर भाई-बहन स्वाभाविक रूप से परेशान होंगे ही।
रेल मंत्री पीयूष गोयल ने झारखंड और राजस्थान की राज्य सरकारों के रवैये पर भी चिंता जाहिर की।उन्होंने कहा आज तक झारखंड राज्य ने मात्र 96 ट्रेनों को अनुमति दी है, राजस्थान ने अभी तक 35 ट्रेन ही जा पायी हैं।
मैं सभी राज्यों से अपेक्षा करता हूं कि वो अपने लोगों को अपने घर आने दें और हमे ट्रेन चलाकर उन्हें पहुंचाने में हमारी सहायता करें।रेल मंत्री ने बताया कि आज तक 2,050 श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के जरिए लगभग 30 लाख प्रवासी मजदूरों को उनके गंतव्य स्टेशनों तक पहुंचाया गया है।
रेलवे में आइसोलेशन वार्ड की कल्पना प्रधानमंत्री मोदी ने सामने रखी। उसके बाद हम तुरंत इस काम पर लग गए और एक प्रोटोकॉल के तहत करीब पांच हजार रेलवे के डिब्बों को आइसोलेशन वार्ड में तब्दील किया गया।
पीयूष गोयल ने कहा कि कोरोना महामारी से निपटने के लिए भारतीय रेल ने योगदान दिया है। जनता कर्फ्यू के बाद से भारतीय रेल बंद थी इसके बाद धीरे-धीरे पहले 15 ट्रेन और फिर श्रमिक स्पेशन ट्रेन शुरू की। अब 1 जून से 200 और ट्रेन शुरू होने जा रही हैं।
इस पूरे लॉकडाउन के दौरान भारतीय रेल प्रतिबद्ध रही है कि देश में कहीं भी अनाज की कमी न हो, खाद्यान्न की कमी न हो और कोयले की कमी न हो। लोगों को गर्व है कि इस देश ने पूरे विश्व में कोरोना वायरस की लड़ाई लड़ने का एक नया मॉडल स्थापित किया है।