जैसलमेर में एक बार फिर से टिड्डियों का कहर छाने को है, जिसके चलते जिले को अलर्ट कर दिया गया है. संयुक्त राष्ट्र खाद्य और कृषि संगठन ने जानकारी देते हुए कहा कि मई में दक्षिण-पश्चिम ईरान में कुछ टिड्डियों के बैंड बनने की संभावना है, जहां से वे पूर्व में पाकिस्तान की ओर बढ़ सकते हैं.
पाकिस्तान होते हुए ये टिड्डी दल भारत के सीमावर्ती जिले में दाखिल हो सकते हैं. ऐसे में एफएओ से मिली सूचना के बाद सीमावर्ती जिले को टिड्डियों के हमले के मद्देनजर अलर्ट जारी कर दिया गया है. टिड्डी नियंत्रण विभाग सहित अधिकारियों को इसे खदेड़ने की रणनीति की योजना बनाने, समन्वय करने और इससे निपटने का निर्देश दिया गया है.
रेगिस्तानी टिड्डी दुनिया का सबसे विनाशकारी प्रवासी कीट हैं, जो फसलों को बड़े पैमाने पर नुकसान पहुंचाते हैं. एडवाइजरी के बाद, जैसलमेर के जिला कलेक्टर आशीष मोदी ने टिड्डी नियंत्रण अभियान में लगे सभी अधिकारियों को नियंत्रण कार्यों को सर्वोच्च प्राथमिकता सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है.
जिला कलक्टर आशीष मोदी ने एक आदेश जारी कर टिड्डी नियंत्रण अधिकारी, कृषि विभाग के अधिकारियों, राजस्व विभाग के अधिकारियों/कार्मिकों, काजरी, कृषि विज्ञान केन्द्र वैज्ञानिकों आदि को निर्देशित किया कि वे आपस में समन्वय एवं सतत संपर्क बनाते हुए टिड्डी से संबंधित सूचनाओं को त्वरित गति से सम्प्रेषित करते हुए आवश्यक प्रबंध सुनिश्चित करें.
कृषि विशेषज्ञों के मुताबिक, एक टिड्डी अपने वजन के बराबर वनस्पति हर रोज चट कर जाती है. टिड्डियों का छोटा दल भी एक दिन में 35,000 लोगों के बराबर खाना खा जाता है. पिछले साल भी राजस्थान में पाकिस्तान से टिड्डी दल ने प्रवेश किया था. कृषि विभाग ने इसलिए इस बार पहले ही अलर्ट जारी कर दिया है. ताकि किसानों को बड़े नुकसान से बचाया जा सके.