वाराणसी के जिलाधिकारी को सुप्रीम कोर्ट ने ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी परिसर के अंदर उस क्षेत्र की सुरक्षा सुनिश्चित करने का निर्देश दिया जहां सर्वे के दौरान शिवलिंग मिलने का दावा किया गया है।मुस्लिम समुदाय के लोगों को वहां नमाज अदा करने और धार्मिक रस्म निभाने की अनुमति दे दी।
जस्टिस धनंजय चंद्रचूड़ और पीएस नरसिम्हा की बेंच ने वाराणसी में ज्ञानवापी मस्जिद का कामकाज देखने वाली कमेटी ऑफ मैनेजमेंट अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद की याचिका पर सुनवाई करते हुए आदेश जारी किया और निचली अदालत में जारी कार्यवाही पर रोक लगाने से मना कर दिया।
अदालत ने कहा कि पक्षकारों के अधिकारों को संतुलित रखने की जरूरत है और अधिकारियों को निर्देश दिया कि क्षेत्र की सुरक्षा सुनिश्चित करने में नमाज अदा करने एवं अन्य धार्मिक रस्म निभाने में मुस्लिमों के अधिकारों में बाधा नहीं पड़े।
सुप्रीम कोर्ट ने वाराणसी के दीवानी न्यायाधीश के समक्ष आगे की कार्यवाही पर रोक लगाने से मना कर दिया, जो ज्ञानवापी मस्जिद से जुड़े वाद की सुनवाई कर रहे हैं। बेंच ने अपने आदेश में कहा कि यह यहां वादी के रहने तक एक अंतरिम व्यवस्था है।
हमें पक्षकारों के अधिकारों को संतुलित रखने की जरूरत है। ज्ञानवापी मस्जिद कमेटी की ओर से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता हुजेफा अहमदी ने कहा कि मुस्लिमों को ‘वज़ू’ करने की जरूरत होती है, क्योंकि इसके बिना इस्लाम में नमाज का कोई मतलब नहीं रहेगा।
उप्र सरकार की ओर से पेश हुए सॉलीसीटर जनरल तुषार मेहता ने दलील दी कि जिस स्थान पर शिवलिंग मिलने की बात कही गई है, वहां मुस्लिम वजू करते हैं और कोई नुकसान कानून व्यव्स्था की समस्या पैदा कर सकता है।
उन्होंने कहा कि यदि यह जरूरी है तो वे वजू कहीं और कर सकते हैं लेकिन जिस क्षेत्र में शिवलिंग पाया गया है, उसकी सुरक्षा करने की जरूरत है।सॉलीसीटर जनरल ने बताया कि वादी के वकील हरिशंकर जैन को दिल का दौरा पड़ा है और वह वाराणसी में अस्पताल में भर्ती हैं।
अदालत ने याचिकाकर्ता हिंदू श्रद्धालुओं को नोटिस जारी किए और मस्जिद कमेटी की याचिका पर सुनवाई के लिए 19 मई की तारीख निर्धारित की। इंतेजामिया ने अपनी याचिका में नमाज के लिए 20 लोगों को सीमित किए जाने के निचली अदालत के आदेश को भी चुनौती दी है।
वजू पर पाबंदी लगाने के आदेश पर भी रोक का सुप्रीम कोर्ट से अनुरोध किया है। सव्रे का भी विरोध किया गया। वकील अहमदी ने अदालत से कहा कि सुप्रीम कोर्ट में याचिका पेंडिंग होने के बावजूद ट्रायल कोर्ट ने आदेश पारित किए।
अहमदी ने कहा कि कोर्ट कमिश्नर ने अभी अपनी रिपोर्ट ट्रायल कोर्ट में दायर नहीं की है लेकिन फिर भी एक अर्जी दायर की गई कि तालाब के निकट शिवलिंग पाया गया है।वाराणसी की एक अदालत ने ज्ञानवापी परिसर में वीडियोग्राफी-सर्वे के लिए एडवोकेट कमिश्नर (अधिवक्ता आयुक्त) नियुक्त किए गए अजय मिश्रा को उनके एक सहयोगी द्वारा मीडिया में खबरें लीक करने के आरोप में मंगलवार को पद से हटा दिया।
सहायक एडवोकेट कमिश्नर अजय प्रताप सिंह ने बताया कि सिविल जज (सीनियर डिवीजन) रवि कुमार दिवाकर ने अधिवक्ता आयुक्त अजय मिश्रा को लापरवाही के आरोप में पद से हटा दिया है। वहीं अधिवक्ता आयुक्त पद से हटाए गए अजय मिश्रा ने अपनी सफाई में कहा कि उनके साथ धोखा हुआ है और जो भी हुआ, उन्हें उसकी उम्मीद नहीं थी।
उन्होंने कहा मैंने जिस फोटोग्राफर को रखा, उसने धोखा दिया है। इसमें मैं क्या कर सकता हूं।अदालत ने साथ ही कहा कि विशाल सिंह ही 12 मई के बाद की आयोग की पूरी कार्रवाई की रिपोर्ट खुद दाखिल करेंगे और सहायक अधिवक्ता आयुक्त अजय प्रताप सिंह, विशाल सिंह के निर्देशन में ही काम करेंगे और स्वतंत्र रूप से कुछ भी नहीं कर सकेंगे।
अदालत ने सव्रे रिपोर्ट दाखिल करने के लिए दो और दिन का समय दिया है। ऐसे में संभव है कि सव्रे रिपोर्ट 19 मई को अदालत में पेश की जाए।इस बीच हिंदू याचिकाकर्ताओं ने वाराणसी की एक अदालत में एक नई याचिका दायर की है, जिसमें नंदी की प्रतिमा और शिवलिंग के बीच स्थित एक दीवार को गिराने की मांग की गई है।
जिसका दावा उन्होंने वीडियो सव्रेक्षण के दौरान किया है। याचिकाकर्ताओं ने कहा कि शिवलिंग के आसपास की दीवार और मलबे को गिरा दिया जाना चाहिए और तथ्यों की पुष्टि के लिए नए सिरे से सव्रेक्षण किया जाना चाहिए। दीवार मस्जिद के पूर्वी हिस्से में स्थित है।