उत्तर प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में बाढ़ के कारण स्थिति गंभीर बनी हुई है. बुंदेलखंड में बाढ़ पीड़ितों की मदद के लिए सेना बुलाई गई है. कई जगहों पर जहां नदियों का जलस्तर बढ़ा हुआ है, वहीं इलाहाबाद में गंगा और यमुना खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. बलिया में घाघरा नदी का पानी एनएच-31 पर पहुंच गया है. वाराणसी में गंगा-वरुणा के उफान ने कई इलाकों को चपेट में ले लिया.
यहां गंगा खतरे के निशान से 41 सेंटीमीटर ऊपर है. बलिया में बाढ़ से 50 हजार लोगों का जिला मुख्यालय से संपर्क कट गया. एनडीआरएफ की टीमें लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने में जुटी हुई हैं. इसी तरह राजस्थान में हो रही जबर्दस्त वर्षा के कारण कई जिले बाढ़ की चपेट में हैं. चित्तोड़गढ़, बारां, डूंगरपुर और उदयपुर बुरी तरह बाढ़ की चपेट में हैं.
लोगों की सहायता के लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें तैनान की गई हैं और सेना को सतर्क कर दिया गया है. बनास नदी में आई बाढ़ में दो युवकों के बह जाने की खबर हैं. ग्रामीण हिस्सों में हालत खराब हैं. लोगों के लिए पेयजल और मवेशियों के लिए चारे का संकट उत्पन्न हो गया है. चंदौली में 157 गांवों के एक लाख लोग बाढ़ की चपेट में हैं.
कई स्थानों में लोगों ने घर की छतों के साथ ही स्कूलों में शरण ली हुई है. बिहार के कई जिले बाढ़ की चपेट में हैं. ग्रामीण आबादी के साथ कई शहरी इलाके बाढ़ के पानी में डूब गए हैं. सारण जिले में कई गांव जलमग्न हो गए हैं. छपरा शहर में बाढ़ का पानी घुस गया है और रेल व सड़क यातायात बुरी तरह बाधित हुआ है.
पश्चिम बंगाल के मालदा जिले में गंगा खतरे के निशान के काफी ऊपर बह रही है जिससे कई गांव डूब गए हैं और करीब 20 हजार से ज्यादा की आबादी प्रभावित हुई है. मध्य प्रदेश की धार्मिक नगरी उज्जैन में शिप्रा नदी में आयी बाढ़ में नदी के तट पर बने मंदिर डूब गये हैं.