अरावली पहाड़ी इलाके में अवैध निर्माण के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान को लेकर सुप्रीम कोर्ट के ताजा आदेश से गुरुग्राम वन विभाग का मनोबल बढ़ा है। वन विभाग के एक अधिकारी ने आईएएनएस को बताया कि वे जल्द ही फरीदाबाद गांव में विध्वंस अभियान के संबंध में शीर्ष अदालत के आदेश को देखेंगे और गुरुग्राम जिला अदालत में आदेश की एक प्रति पेश करेंगे।
उन्होंने अदालत को सूचित किया कि अरावली क्षेत्र में सभी निर्माण अवैध हैं।इसके अलावा, नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने अगस्त 2020 में 31 जनवरी, 2021 तक अरावली पहाड़ी क्षेत्र में सभी अवैध रूप से बनाए गए फार्महाउस और वन भूमि पर अन्य निर्माण को ध्वस्त करने का आदेश जारी किया था।
अरावली रेंज पर सबसे ज्यादा अवैध निर्माण गुरुग्राम से लेकर सोहना तक हैं। बताया गया है कि लगभग 434 खेत वन भूमि पर बने हैं। आदेश के अनुसार, 31 जनवरी तक फार्म हाउसों को तोड़ा जाना था, लेकिन कुछ फार्महाउसों के मालिकों ने कोर्ट में याचिका दायर की जो अभी तक लंबित है।
अधिकारियों ने कहा कि वन भूमि पर बने अधिकांश फार्महाउस ग्वाल पहाड़ी, गैरतपुर बास और सोहना क्षेत्रों में हैं।वन अधिकारियों ने बताया कि वन भूमि पर बने फार्म हाउसों को तोड़े जाने के खिलाफ जिला अदालत में दायर अर्जी पर अगली सुनवाई 19 अक्टूबर को होगी।उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने 2002 में अपने एक आदेश में स्पष्ट कर दिया था कि पूरा अरावली पहाड़ी क्षेत्र एक वन क्षेत्र है और यहां किसी भी निर्माण की अनुमति नहीं है।
वन विभाग के एक अधिकारी कर्मवीर मलिक ने आईएएनएस को बताया वन विभाग एनजीटी के आदेश के अनुसार, अरावली संरक्षित भूमि में विध्वंस अभियान चलाने के लिए तैयार है, लेकिन कई फार्महाउस मालिक अदालत में गए। 19 अक्टूबर को सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट के आदेशों से संबंधित पूरी जानकारी जिले के समक्ष रखी जाएगी। ‘वन विभाग अवैध निर्माणों को ध्वस्त करने के लिए हर स्तर पर तैयार है।