राजनाथ सिंह ने गुरुवार को यहां आरएसएस मुख्यालय में संघ प्रमुख मोहन भागवत से मुलाकात की और केंद्र में बीजेपी की अगुआई वाली सरकार के एक साल का कार्यकाल पूरा होने के बीच राष्ट्रीय राजनीतिक हालात पर विचार विमर्श किया। संघ के सूत्रों के अनुसार, दोनों के बीच यह मुलाकात बंद दरवाजों के भीतर हुई। करीब दो घंटे चली मुलाकात में भूमि विधेयक जैसे अहम मुद्दों पर चर्चा की गई। गृह मंत्री बनने के बाद संघ मुख्यालय ‘हेडगेवार भवन’ के अपने पहले दौरे के दौरान सिंह ने संघ प्रमुख के साथ काले धन का पता लगाने जैसे महत्वपूर्ण मसलों और संघ के नजरिए से नरेन्द्र मोदी सरकार के कार्य प्रदर्शन जैसे मुद्दों पर वार्ता की। सूत्रों ने यह जानकारी दी।
राजनाथ के बयान से संत नाराज
कहा, उन लोगों से विश्वासघात ना करें, जिन्होंने उसे सत्ता में पहुंचाया है
राज्यसभा में बहुमत नहीं होने की वजह से राम मंदिर निर्माण के लिए कानून पारित करने में असमर्थता संबंधी केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह के बयान से अयोध्या के संत नाराज हैं। उन्होंने गुरुवार को बीजेपी को उसके चुनावी वादे की याद दिलाते हुए कहा कि वह उन लोगों से विश्वासघात ना करें, जिन्होंने उसे सत्ता में पहुंचाया है। राम जन्मभूमि न्यास के वरिष्ठ सदस्य एवं पूर्व सांसद राम विलास वेदान्ती ने कहा कि राजनाथ सिंह के बयान से संत नाराज हैं। उनका मानना है कि बीजेपी वादाखिलाफी नहीं करेगी और वादे के मुताबिक राम मंदिर निर्माण का रास्ता तैयार करने के लिए कानून बनाएगी। वेदान्ती ने कहा कि राजनाथ सिंह जब बीजेपी अध्यक्ष थे, तब 2013 के महाकुम्भ के दौरान उन्होंने संतों से वादा किया था कि यदि सत्ता में आये तो भाजपा मंदिर निर्माण को अमली जामा पहनाने के लिए कानून बनाएगी और अब संत चाहते हैं कि बीजेपी अपना वादा पूरा करे।