लखनऊ से एटीएस द्वारा दबोचे गए दोनों आतंकियों के जरिए अलकायदा ने राजधानी को बकरीद से पहले दहलाने की योजना बनाई थी. इसके लिए जनवरी से भीड़ भाड़ वाली जगहों की रेकी की गई. पकड़े गए दोनों आतंकी अलकायदा संगठन के जम्मू-कश्मीर में रहने वाले दो कमांडर तौहीद और मूसा के सीधे संपर्क में थे.
इस योजना को अमली जामा पहनाने के लिए कश्मीर से दो कमांडर तौहीद और मूसा आने वाले थे जो धमाके की तारीख और समय करते. अगर ऐसा होता तो राजधानी में तबाही का मंजर देखने को मिलता. लेकिन आतंकियों की कोशिश नाकाम हो गई.
आतंकियों द्वारा वारदात को अंजाम देने के लिए ई-रिक्शा का प्रयोग किया जाना था क्योंकि पुलिस ई रिक्शा को चेक नही करती है. इसीलिए ये आतंकियों के लिए ब्लास्ट योजना में ये सबसे उपयुक्त साधन था.
अलकायदा संगठन के जम्मू-कश्मीर में रहने वाले दो कमांडर तौहीद और मूसा के सीधे संपर्क में दोनों थे. ई रिक्शा के जरिये ब्लास्ट करने के लिए मिनहाज ने मुशीर को जिम्मेदारी सौंपी थी. इसके लिए कुकर बम को ई-रिक्शा में सेट करना था.
उसका कनेक्शन ई-रिक्शा के बैटरी से जोड़कर रेकी की गई जगहों की पार्किंग एरिया में धमाका करने की तैयारी थी. जिससे अधिक से अधिक लोगों की मौत और नुकसान पहुंचाया जा सके. मिनहाज ने अपने घर में बम भी बना रखा था उसका कनेक्शन सिर्फ बैटरी से करना था साथ उसमें टाइमर लगाना था.