तेलंगाना अदालतों में काम करने वाले करीब 8,000 कर्मी शुक्रवार को राज्य में आंदोलनरत न्यायाधीशों के प्रति एकजुटता दिखाते हुए बेमियादी हड़ताल पर चले गए जिससे अदालतों का कामकाज ठप पड़ गया और मुकदमों में उलझे लोग असहाय नजर आए। हैदराबाद स्थित उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति दिलीप बाबासाहेब भोसले सहित अन्य न्यायाधीशों ने आंदोलन कर्मियों एवं न्यायिक अधिकारियों से अपील की कि वे अपनी ‘अवैध’ हड़ताल और अपना आंदोलन तुरंत खत्म करें और जनहित में अपने काम पर लौटें।
उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल की ओर से जारी एक विज्ञप्ति में भी चेतावनी दी गई कि यदि हड़ताल तुरंत नहीं रोकी गई तो उसे अन्य विकल्पों पर विचार करना होगा ताकि वादियों-प्रतिवादियों को हो रही परेशानियों से निजात दिलाई जा सके।इन कर्मियों ने उच्च न्यायालय के बंटवारे और आंध्र प्रदेश एवं तेलंगाना के बीच न्यायिक अधिकारियों की अस्थायी नियुक्ति की सूची को वापस लेने सहित अन्य मांगें रखी हैं।
अखिल भारतीय न्यायिक कर्मचारी असोसिएशन के महासचिव बी लक्ष्मा रेड्डी ने कहा कि सभी 10 जिलों के कर्मचारियों ने प्रदर्शन किया।रेड्डी ने बताया, ‘आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के बीच न्यायाधीशों की नियुक्ति सूची को हम तुरंत वापस लेने की मांग करते हैं। हमारी मांग है कि उच्च न्यायालय का बंटवारा होना चाहिए। हमारी मांगें पूरी होने तक हड़ताल जारी रहेगी।’ रेड्डी तथा असोसिएशन के आठ अन्य प्रमुख सदस्यों को उच्च न्यायालय ने कल आचार संहिता के उल्लंघन के आरोप में निलंबित कर दिया था।