तेजस्वी ने की दो महीने में नीतीश सरकार गिरने की भविष्यवाणी

RJD नेता तेजस्वी यादव के एक बयान ने बिहार में सियासी तूफान खड़ा कर दिया है. तेजस्वी यादव ने एक ऐसा दावा किया है, जिससे विपक्ष तो जोश में आ गया है लेकिन सत्ता पक्ष का मानो खून खौल उठा हो. दरअसल, तेजस्वी यादव अपने विधानसभा क्षेत्र राघोपुर के दौरे पर पहुंचे.

लगातार दूसरी बार राघोपुर से वो जीतकर विधायक बने हैं. राघोपुर पहुंचने के बाद तेजस्वी यादव आम लोगों से बात कर रहे थे. प्रदेश में पिछले कुछ दिनों से तेज बारिश के बाद बाढ़ की स्थिति है. ऐसे में लोगों ने तेजस्वी यादव के सामने अपना दुखड़ा सुनाना शुरु किया.

लोग अपने विधायक से अपनी समस्याएं बताने लगे.जब लोग तेजस्वी यादव को परेशानी बता रहे थे, तभी तेजस्वी यादव ने लोगों को चौंकाने वाली बात कह दी. उन्होंने लोगों को दिलासा देते हुए कहा कि घबराने की जरूरत नहीं है, 2 से 3 महीने में ये सरकार जाने वाली है.

ये बात तेजस्वी यादव ने पूरे कॉन्फिडेंस के साथ कही. उनके इस बयान के साथ ही बिहार की सियासत लहक उठी.नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के बयान को लेकर पूरा विपक्ष एकजुट नजर आ रहा है. RJD अपने नेता के बयान को ये कहते हुए समर्थन कर रही है कि सरकार बनाने के लिए जो जादुई आंकड़ा चाहिए, वो महागठबंधन के साथ बहुत जल्द होगा.

NDA में जिस तरह के हालात हैं, वहां कई विधायक छटपटाहट महसूस कर रहे हैं. ऐसे में सभी की उम्मीद भरी निगाहें तेजस्वी यादव पर टिकी हैं.महागठबंधन में RJD की सहयोगी कांग्रेस भी तेजस्वी यादव के बयान को पूरी गंभीरता से कही हुई बात मानती है.

कांग्रेस का मानना है कि इस बयान को हवा-हवाई मानने की भूल NDA को नहीं करनी चाहिए. हालांकि, कांग्रेस का ये भी कहना है कि ‘महागठबंधन के लोग किसी को तोड़ने या जोड़ने की कोशिश में नहीं लगे हैं, क्योंकि इसकी कोई जरूरत भी नहीं है.

NDA सरकार आपसी मनमुटाव और अंतर्कलह से ही गिर जाएगी. जीतन राम मांझी और मुकेश सहनी जैसे लोग NDA में असहज महसूस कर रहे हैं.राघोपुर में तेजस्वी यादव के दिए गए बयान को NDA ने हवा-हवाई बयान बताया है.

NDA का कहना है कि पिछले कई महीनों से गायब रहे तेजस्वी अपने क्षेत्र के लोगों को इस तरह की बातें कर बरगलाने की कोशिश कर रहे हैं. कोरोना काल में अपने विधायक को लापता देखकर जनता इतनी नाराज है कि तेजस्वी को जवाब देते नहीं बन रहा.

इसलिए वो इस तरह के बयान देकर साबित कर रहे हैं कि वो सियासी तौर पर सक्रिय हैं.BJP का कहना है कि तेजस्वी यादव एक पर्यटक की तरह बिहार आते हैं और कुछ दिन बाद लंबे समय के लिए गायब हो जाते हैं. उनकी बातें कोई गंभीरता से नहीं लेता. वो हमेशा ही हल्की और बेतुकी बात करते हैं.

JDU ने भी बेहद सख्त अंदाज में तेजस्वी यादव पर निशाना साधा. पार्टी नेताओं ने कहा कि ‘तेजस्वी यादव सत्ता में आने के लिए बेचैन हैं. ये बयान उनकी छटपटाहट दिखा रहा है और वो लोकतांत्रिक व्यवस्था से चुनी हुई सरकार को गिराने का सपना देख रहे हैं.

अगर उनको मुख्यमंत्री बनने का इतना ही शौक है, तो पहले जनता के बीच अपनी जगह बनाएं और चुनाव में जनता का आशीर्वाद लेकर आएं. यूं दिन में सपने देखना तेजस्वी बंद करें.सियासी पंडितों की राय तेजस्वी के बयान को लेकर बिल्कुल अलग है.

वो ये भी नहीं कह रहे कि तेजस्वी तुरंत सरकार गिराने की स्थिति में हैं. लेकिन वो इस बात को भी नहीं नकार रहे कि सत्ता पक्ष में कुछ गड़बड़ चल रहा है.एक्सपर्ट्स का मानना है कि NDA में पिछले कुछ दिनों में जिस तरह की बयानबाजी और कलह खुलकर सामने आई है, उसके बाद विपक्ष का उत्साहित होना लाजिमी है.

अगर नेता प्रतिपक्ष को लगता है कि वो NDA को तोड़कर महागठबंधन की सरकार बना लेंगे तो इसमें कोई अचंभित करने वाली बात भी नहीं होगी. दरअसल, इस बार की विधानसभा की स्थिति साल 2005 के बाद से सबसे अलग है.इस बार सत्तापक्ष और विपक्ष के आंकड़ों में बहुत ज्यादा फर्क नहीं है.

इसलिए अगर NDA में थोड़ी भी फूट पड़ती है, तो महागठबंधन की सरकार बनना कोई अजूबा नहीं होगा.कुल मिलाकर तेजस्वी का बयान सोच-समझकर दिया हुआ बयान लगता है. वो साफ तौर पर ये संदेश देना चाहते हैं कि एक छोटा सा मौका मिलते ही वो NDA सरकार गिराने में सक्षम हैं. इसके लिए तेजस्वी यादव लगातार प्रयास भी कर रहे हैं.

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