बीजेपी ने बीएसपी सुप्रीमो मायावती को अपशब्द कहनेवाले दयाशंकर सिंह की पत्नी स्वाति सिंह को उत्तर प्रदेश महिला मोर्चा का अध्यक्ष बनाया है। स्वाति सिंह उस समय सुर्खियों में आई थीं जब उन्होंने बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती को उनके खिलाफ चुनाव लड़ने की चुनौती दी थी और कहा था कि मायावती यूपी में किसी भी सामान्य सीट से चुनाव लड़ें, वो खुद उनके खिलाफ चुनाव लड़ेगी।
बसपा सुप्रीमो मायावती के खिलाफ कथित आपत्तिजनक टिप्पणी के मामले में दयाशंकर सिंह को भाजपा से निष्कासित कर दिया गया था। सिंह की गिरफ्तारी की मांग कर रहे बसपा कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन के दौरान सिंह की पत्नी और बेटी पर कथित आपत्तिजनक टिप्पणी कर दी थी, जिसका स्वाति ने कड़ा प्रतिरोध किया था। स्वाति ने बसपा नेता नसीमुद्दीन सिददीकी पर पास्को कानून लगाने की मांग उठायी थी।
स्वाति के स्वर मुखर करते समय ही कयास लगाये गये थे कि अगले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर उन्हें भाजपा में कोई महत्वपूर्ण पद या विधायक का टिकट दिया जा सकता है। दयाशंकर सिंह भाजपा के प्रदेश महासचिव थे।भाजपा के उत्तर प्रदेश प्रवक्ता चंद्रमोहन ने बताया कि प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य ने बलिया की स्वाति सिंह को महिला मोर्चा का प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया है। मौर्य ने सांसद कौशल किशोर को अनुसूचित जाति मोर्चा का प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया।
उन्होंने बताया कि मौर्य ने सांसद छोटे लाल खरवार को अनुसूचित जनजाति मोर्चा का प्रदेश अध्यक्ष जबकि हैदर अब्बास चांद को अल्पसंख्यक मोर्चा का प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया है।गौरतलब है कि दयाशंकर सिंह को बीजेपी ने 6 साल के लिए पार्टी निष्कासित कर दिया था। दयाशंकर सिंह के निष्कासन के बाद स्वाति सिंह ने अपने और बेटी के खिलाफ दिए गए आपत्तिजनक बयानों पर जिस तरह बीएसपी पर हल्ला बोला था, उससे वे रातोंरात चर्चा में आ गईं थीं।
इसके बाद से ही बीजेपी में उनको बड़ी जिम्मेदारी देने की चर्चा चल रही थी।दयाशंकर सिंह ने जेल से रिहा होने के बाद बीएसपी सुप्रीमो मायावती को अपनी पत्नी स्वाति सिंह के खिलाफ चुनाव लड़ने की चुनौती दी थी। दयाशंकर सिंह ने कहा था कि ‘मायावती चुनाव लड़ने के लिये उत्तर प्रदेश में कोई भी सामान्य सीट चुन लें। मैं अपनी पत्नी को वहीं से चुनाव लड़ाउंगा।
मायावती के खिलाफ विवादित बयान देकर चर्चा में रहे दयाशंकर सिंह की पत्नी स्वाति सिंह ने कहा था कि चुनाव लड़ने से ज्यादा महत्वपूर्ण मुद्दा मां और बेटी के सम्मान की लड़ाई है। चुनाव अगले साल होंगे, इसलिए हर कोई यही सवाल पूछ रहा है कि चुनाव की बात से मेरी लड़ाई कमजोर होगी। इसलिए इस बारे में कोई बात नहीं करें।
उन्होंने कहा कि वह एक बार मायावती से सबके सामने बैठकर कुछ सवाल करना चाहती हैं। वह स्वयं को बहन जी और देवी बोलती हैं। मैं उसी देवी से पूछना चाहती हूं कि आखिर जिस देश में बच्चियों को देवी मानकर पूजा जाता है। उसका अपमान करने का अधिकार उन्हें किसने दिया।चुनाव भी सिर्फ उनके खिलाफ इसलिए लड़ूंगी, जिससे पता चल सके कि समाज के लोग किसके साथ हैं। उस देवी के, जिसने दूसरी देवी का अपमान किया या फिर मां-बेटी के सम्मान की लड़ाई लड़ रही महिला का समर्थन करेंगे।