तृणमूल कांग्रेस से निलंबित सांसद मुकुल रॉय ने राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया और कहा कि सिद्धांतों की कमी के कारण उन्हें पार्टी छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा. रॉय ने कहा कि उन्होंने अभी अपने भविष्य के बारे में फैसला नहीं किया है. उन्होंने कहा पार्टी के पास कुछ सिद्धांत होने चाहिए. कभी तृणमूल कांग्रेस बीजेपी के साथ हो जाती है, कभी कांग्रेस के साथ आ जाती है.
उन्होंने अपना इस्तीफा उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के सभापति एम. वेंकैया नायडू को सौंपने के तुरंत बाद अपने आवास पर मीडिया को संबोधित करते हुए यह बात कही.रॉय ने कहा हमलोग एक बार राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन(राजग) का हिस्सा थे और हमने बीजेपी से हाथ मिलाया था. अब पार्टी को लगने लगा है कि कांग्रेस के बिना देश आगे नहीं बढ़ सकता.
इन सब वजहों से मुझे पार्टी छोड़ने को मजबूर होना पड़ा.उन्होंने कहा हमलोगों ने कांग्रेस शासन से लड़ने के लिए राजनीतिक पार्टी बनाई थी. यही वजह थी जिस कारण तृणमूल कांग्रेस का जन्म हुआ था. अगर हम यह सोचते हैं कि देश अब बिना कांग्रेस के नहीं चल सकता तो मुझे लगता है दोनों पार्टियों का विलय हो जाना चाहिए.
रॉय ने कहा कि वह सभी पार्टियों के शीर्ष नेतृत्व के साथ संपर्क में हैं और उन्होंने कहा कि वह दिवाली के बाद अपने राजनीतिक भविष्य के बारे में निर्णय लेंगे.पार्टी में ममता बनर्जी के बाद कभी नंबर दो की हैसियत रखने वाले राय ने कहा कि सभी को ‘पार्टी में साथी होना चाहिये, नौकर नहीं. लेकिन व्यक्ति केंद्रित पार्टी ऐसे काम नहीं करतीं.