निलंबित सांसद कीर्ति आजाद ने डीडीसीए में कथित भ्रष्टाचार के खिलाफ अपने अभियान में मोदी सरकार को भी घसीट लिया और कहा कि वह सरकार के अलावा वित्त मंत्री अरुण जेटली के विरूद्ध अदालत का दरवाजा खटखटाएंगे। उन्होंने दावा किया कि सीबीआई अब भी ‘पिंजड़े का तोता’ ही है।
उन्होंने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में पिछले वर्ष सितम्बर में जेटली को लिखे पत्र को भी जारी किया जिसमें उन्होंने आरोप लगाए कि भाजपा के वरिष्ठ नेता ने डीडीसीए और हॉकी इंडिया के बीच गड़बड़झाले में ‘कुटिल भूमिका’ निभाई। उन्होंने 13 सितम्बर को लिखा, ‘वह दिन दूर नहीं जब आपको उन सभी लूटों का जवाब देना होगा जो आपके प्रभारी रहते हुआ, आपके समय में जहां क्रिकेट को काफी नुकसान हुआ वहीं आपके विश्वस्त मित्रों को लाभ मिला।
जेटली ने इन सभी आरोपों से इंकार किया है और उनके खिलाफ इसी तरह के आरोप लगाने के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और आप के अन्य नेताओं के खिलाफ दीवानी और फौजदारी अवमानना का मुकदमा दायर किया है।जेटली पर हमला जारी रखते हुए आजाद ने आरोप लगाया कि वित्त मंत्री ने डीडीसीए के पदाधिकारियों को ‘गोपनीय’ मेल भेजने में भूमिका निभाई जिसमें एक ‘पसंद’ के ऑडिटर की पुनर्नियुक्त करने और उनके एवं केजरीवाल के खिलाफ अवमानना का मुकदमा दायर करने का जिक्र है।
उन्होंने जेटली पर निशाना साधते हुए मीडिया से कहा कि हमेशा की तरह बाहर से ‘गैर कार्यकारी भूमिकाएं’ होती हैं जिनकी कोई जवाबदेही नहीं होती और डीडीसीए के पदाधिकारियों को सलाह देते रहते हैं कि कैसे इसका संचालन करें। भाजपा ने आजाद को जेटली पर लगातार हमला करने के लिए निलंबित कर दिया है और पार्टी का कहना है कि जेटली काफी ईमानदार व्यक्ति हैं। साथ ही भाजपा ने आजाद को कारण बताओ नोटिस जारी कर पूछा है कि क्यों नहीं उन्हें निष्कासित कर दिया जाए।
कीर्ति ने जहां उन्हें निशाना बनाना जारी रखा वहीं उनका दावा है कि भाजपा निलंबन वापस ले लेगी क्योंकि उन्होंने पार्टी या सरकार को निशाना नहीं बनाया है।कीर्ति आजाद ने कहा कि भारत-दक्षिण अफ्रीका के बीच नयी दिल्ली में क्रिकेट टेस्ट मैच के लिए दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा पर्यवेक्षक नियुक्त किए गए न्यायमूर्ति मुकुल मुद्गल की रिपोर्ट भी उनके आरोपों से मेल खाती है।