भाजपा ने मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का बचाव किया और ललित मोदी विवाद में राजे या विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के इस्तीफे से इंकार किया, जबकि कांग्रेस ने उनके पद न छोड़ने पर संसद के मानसून सत्र को बाधित करने की धमकी दी। भाजपा का बचाव ऐसे समय आया है जब राजे ने पंजाब के आनंदपुर साहिब की अपनी यात्रा रद्द कर दी जहां उनकी मुलाकात पार्टी अध्यक्ष अमित शाह और केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह से होती। ब्रिटेन में आईपीएल के पूर्व प्रमुख ललित मोदी के आव्रजन आवेदन का समर्थन करने की खबरों के बाद राजे मुश्किलों का सामना कर रही हैं। दागी ललित मोदी को ब्रिटिश यात्रा दस्तावेज हासिल कराने में मदद की खबरों के बाद रविवार को उत्पन्न हुए विवाद में भाजपा ने सुषमा स्वराज का यह कहकर बचाव किया था कि उन्होंने मानवीय आधार पर यह मदद की थी, लेकिन पिछले दो दिनों में पार्टी ने राजे का कोई बचाव नहीं किया।
अपने हमले को नए स्तर तक पहुंचाते हुए कांग्रेस ने ललित मोदी, प्रधानमंत्री, भाजपा अध्यक्ष, सुषमा और राजे के बीच सांठगांठ का आरोप लगाया और कहा कि सरकार के पास खुद को और संसद सत्र को ‘बचाने’ का एकमात्र रास्ता दोनों महिला नेताओं को उनके पदों से हटाना है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने संवाददाताओं से कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि योग दिवस और ‘ललितासन’ के बाद प्रधानमंत्री कोई ठोस कार्रवाई करेंगे। उन्होंने कहा कि इसके अलावा अन्य कोई रास्ता नहीं है। भाजपा ने आज पार्टी मुख्यालय में एक प्रेस ब्रीफिंग में अपने प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी को उतारा जहां उन्होंने दोनों नेताओं के इस्तीफे की मांगों को खारिज किया। इस बारे में पार्टी की रणनीति बीती रात गृहमंत्री राजनाथ सिंह और अमित शाह की प्रधानमंत्री के साथ हुई अलग-अलग बैठकों के बाद बनी हो सकती है।
इन सवालों पर कि क्या सुषमा या राजे के खिलाफ कोई कार्रवाई होगी, प्रवक्ता ने कहा कि सवाल काल्पनिक है, उसका कोई तकनीकी या कानूनी आधार नहीं है जिससे कि आप कह सकें कि अनियमितता का कोई बिन्दु है। त्रिवेदी ने कहा कि पार्टी का शीर्ष नेतृत्व सुषमा के मुद्दे पर स्थिति स्पष्ट कर चुका है, राजे के खिलाफ आए दस्तावेज अभी साबित नहीं हुए हैं।