बाबरी मस्जिद केस में आज देश की शीर्ष अदालत सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. कोर्ट ने भाजपा के वरिष्ठ नेता लाल कृष्ण आडवाणी, डॉ. मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती समेत 12 नेताओं पर मुकदमा चलाए जाने का फैसला दिया. कल्याण सिंह के राज्यपाल होने की वजह से उनपर फिलहाल मुकदमा नहीं चलाने का कोर्ट ने फैसला दिया है.
भाजपा नेताओं लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और उमा भारती को वर्ष 1992 के बाबरी मस्जिद केस में अदालती कार्यवाही का सामना करना पड़ेगा क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने आज सीबीआई की याचिका को स्वीकार कर लिया है और इन नेताओं के खिलाफ लगे आपराधिक साजिश के आरोपों को बहाल कर दिया है.
न्यायालय ने नेताओं और कारसेवकों के खिलाफ लंबित मामले को भी इस मामले में शामिल कर दिया और हिदायत दी है कि कार्यवाही दो साल में पूरी हो जानी चाहिए. न्यायमूर्ति पीसी घोष और न्यायमूर्ति आर.एफ. नरीमन की पीठ ने कहा हमने इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सीबीआई की अपील को कुछ निर्देशों के साथ स्वीकार कर लिया है.
हालांकि शीर्ष अदालत ने कहा कि राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह के पास संवैधानिक छूट है और उनके खिलाफ मामला पद छोड़ने पर ही चलाया जा सकता है. कल्याण सिंह वर्ष 1992 में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे.