शारदा घोटाले में सीबीआई की याचिका पर आज होगी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई

शारदा घोटाले में पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार की भूमिका की जांच के लिए पहुंची सीबीआई की टीम और पुलिस के बीच हुए टकराव के मामले में सुप्रीम कोर्ट सुनवाई करेगा। सीबीआई ने बंगाल के चीफ सेक्रेटरी, डीजीपी और कोलकाता पुलिस कमिश्नर के खिलाफ दायर याचिका में कहा है कि अधिकारियों ने जानबूझकर शीर्ष अदालत के आदेश की अवहेलना की।

उधर, रात धरने पर बैठीं बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि मैं जान देने के लिए तैयार हूं लेकिन समझौता नहीं करूंगी। ममता ने कहा जब केंद्र ने तृणमूल कांग्रेस के नेताओं को हाथ लगाया तो मैं सड़क पर नहीं आई। मुझे इस बात पर नाराजगी है कि केंद्र ने एक वरिष्ठ पद (कोलकाता पुलिस कमिश्नर) का अपमान किया।

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव, आंध्र के सीएम चंद्रबाबू नायडू, जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, मनसे के राज ठाकरे समेत 16 राज्यों के 21 दलों के नेताओं ने ममता का समर्थन किया है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल ने भी इस मसले पर ममता बनर्जी से फोन पर बात की थी।

भाजपा नेता प्रकाश जावड़ेकर ने कहा- हम पूछना चाहते हैं कि ममता धरने पर क्यों बैठी हैं? पुलिस कमिश्नर को बचाना चाहती हैं या खुद को बचाना चाहती हैं? क्या छिपाना चाहती हैं? चिटफंट मामले में तृणमूल के सांसद और मंत्री गिरफ्तार हुए, तब ममता ने धरना नहीं दिया। पुलिस कमिश्नर के पास ऐसा क्या है, जिन्हें बचाने के लिए ममता सड़क पर बैठ गई हैं।

एक लाल डायरी, एक पेन ड्राइव का जिक्र आया था, जिसमें कई लोगों का नाम है, पेमेंट की जानकारी है। क्या उससे बचना चाहती हैं ममता? जिसे चिटफंड घोटाले के सभी राज मालूम हैं, उसे और खुद को बचाने के लिए ममता धरने पर बैठी हैं। मुख्यमंत्री के घर बैठक हो और वे उठकर पुलिस कमिश्नर के घर चली जाएं, ये भी पहली बार हुआ है। यह संविधान की हत्या नहीं तो और क्या है?

ममता ने भाजपा पर आरोप लगाया कि वह सीबीआई और दूसरी एजेंसियों का इस्तेमाल अपने फायदे के लिए कर रही है। ममता सरकार ने प. बंगाल में सीबीआई को जांच करने से रोक दिया। डीएसपीई एक्ट के मुताबिक, सीबीआई को राज्यों में जाकर जांच करने का अधिकार है, लेिकन इसके लिए आम सहमति जरूरी होती है।

प. बंगाल सरकार ने राज्य का माहौल बिगड़ने का हवाला देते हुए भाजपा को रथ यात्रा की इजाजत नहीं दी। इस फैसले के खिलाफ भाजपा कलकत्ता हाईकोर्ट पहुंची। यहां सिंगल बेंच ने भाजपा को रथ यात्रा की इजाजत दी, लेकिन डिवीजन बेंच ने इस फैसले को पलट दिया। इसके बाद भाजपा सुप्रीम कोर्ट पहुंची। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि भाजपा रथ यात्रा के लिए रिवाइज्ड प्लान करे।

अदालत ने ममता सरकार से कहा कि भाजपा को जनसभा और रैलियों की इजाजत दी जाए।ममता बनर्जी ने राज्य के सभी विभागों से कहा कि वे केंद्र के साथ डेटा शेयर न करें। उन्होंने कहा कि केंद्र राज्य को नियंत्रित करने के लिए इस डेटा का इस्तेमाल कर रहा है और यह संघीय ढांचे में दखल है। ममता सरकार ने आयुष्मान भारत समेत केंद्र की कई योजनाएं भी प. बंगाल में लागू नहीं कीं।

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