पश्चिम बंगाल में चुनावी नतीजों के बाद हुई व्यापक हिंसा का मामला पहुंचा सुप्रीम कोर्ट

पश्चिम बंगाल में चुनावी नतीजों के बाद हुई व्यापक हिंसा का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है. कई जगह हुई हिंसा को लेकर सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका  दाखिल की गई है. इस याचिका में अदालत से हिंसक घटनाओं की सीबीआई जांच की मांग की गई है. राज्य के घटनाक्रम पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रदेश के राज्यपाल से बात करते हुए चिंता जताई है.

वहीं राज्य में जारी सियासी हिंसा पर राज्यपाल अपनी नजर बनाए हुए हैं. बीजेपी प्रवक्ता गौरव भाटिया ने सर्वोच्च न्यायालय में दायर अपनी याचिका में कहा है कि बंगाल की हिंसा के दौरान महिलाओं के साथ बलात्कार किया गया है. बीजेपी कार्यकर्ताओं पर हमला किया गया और उन्हें घेर कर मार डाला गया.

इसलिए अदालत को मामले में दखल देते हुए निष्पक्ष जांच के आदेश देने चाहिए. इससे पहले कई बीजेपी नेताओं ने टीएमसी समर्थकों पर लोकतंत्र की हत्या करने का आरोप लगाते हुए सूबे में हो रही हिंसा की निंदा की थी. बीजेपी ने अपने दफ्तर में हुई तोड़फोड़ और आगजनी का जो वीडियो शेयर किया था वो वायरल हो चुका है.

बीजेपी ने आरोप लगया है कि दक्षिण 24 परगना में जिन लोगों ने बीजेपी को वोट दिया और जिन कार्यकर्ताओं ने पार्टी के लिए चुनाव में काम किया उनके घरों को तोड़ दिया गया है.इसी हिंसा को लेकर बीजेपी ने पांच मई को देशव्यापी प्रदर्शन का ऐलान किया है.

बीजेपी कार्यकर्ता अलग अलग जिलों में धरना देने के साथ हिंसा का विरोध करेंगे. ये विरोध प्रदर्शन सभी मंडलों में कोविड गाइडलाइन का पालन करते हुए किया जाएगा. हिंसा की खबरों का पता चलते ही बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा दो दिन के बंगाल दौरे पर जाने का ऐलान किया था वो अब कोलकाता पहुंच चुके हैं.

टीएमसी कार्यकर्ताओं और समर्थकों पर और कई गंभीर आरोप लगे हैं. ओडिशापारा, कूचबिहार, समसपुर, पुरबा बर्धमान समेत कई जगह हिंसा हुई वहीं आरामबाग में बीजेपी दफ्तर में आग लगा दी गई. वहीं हिंसा के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने रिपोर्ट मांगी है.

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