सब्जियों की कीमत में दहाई अंक की वृद्धि के मद्देनजर थोकमूल्य आधारित मुद्रास्फीति मई महीने में बढ़कर 0.79 प्रतिशत हो गई. खाने पीने की वस्तुओं के आसमान छूते दाम के बीच मई में थोक महंगाई दर में जोरदार इजाफा हुआ है. इस स्थिति के बीच उद्योग ने आपूर्ति पक्ष की दिक्कतें दूर करने के लिए नीतिगत पहले करने की मांग की है. औद्योगिक उत्पादन में नरमी के बावजूद थोकमूल्य और खुदरा मुद्रास्फीति में बढ़ोतरी के चलते रिजर्व बैंक ब्याज दरों में कटौती में देरी कर सकता है.
अप्रैल में थोकमूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति 0.34 प्रतिशत थी और मार्च में यह शून्य से 0.45 प्रतिशत नीचे और पिछले साल मई में यह शून्य से 2.20 प्रतिशत कम थी. सब्जियों की महंगाई दर 12.94 प्रतिशत रही जो इससे पिछले महीने दर्ज 2.21 प्रतिशत के मुकाबले तेज बढ़ोतरी दर्शाती है. दाल दलहन की महंगाई दर 35.56 प्रतिशत पर इससे पिछले माह के स्तर पर कायम रही.
सरकारी आंकड़े मुताबिक खाद्य मुद्रास्फीति मई में बढ़कर 7.88 प्रतिशत हो गई जो अप्रैल में 4.23 प्रतिशत थी. मई में अंडे 12 फीसदी, उड़द दाल 11 फीसदी, चना 10 फीसदी, चिकन 9 फीसदी, फल सब्जी 6 फीसदी तक महंगे हो गए. इसके अलावा मसूर 5 फीसदी, चाय, बार्ली, बाजरा 4-4 फीसदी, अरहर 3 फीसदी और चावल, मसाले और मूंग 1 फीसदी महंगी हो गई.
गर्मियों के दौरान मंडियों में आवक कम होने से मध्य प्रदेश में टमाटर के खुदरा दाम 80 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गये हैं.इस तेजी ने आम लोगों की गृहस्थी का गणित बिगाड़ते हुए उन पर महंगाई का बोझ बढ़ा दिया है. सूत्रों के मुताबिक, कम आवक के नाम पर कारोबारियों और दलालों की जबर्दस्त मुनाफाखोरी के चलते खुदरा बाजार में टमाटर के भाव 80 रपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गये हैं.
सांख्यिकी विभाग के आंकड़ों के मुताबिक पिछले महीने खाने पीने से जुड़ी दूसरी वस्तुओं की कीमतों में भी तेजी देखी गई. मई में कॉफी की कीमत 5 फीसदी, चाय पत्ती 8 फीसदी, चीनी 3 फीसदी, मूंगफली तेल और घी 2 फीसदी तक महंगे हो गए. हालांकि बेसन और कॉटन सीड की कीमतों में कमी दर्ज की गई.
बाजार में सभी तरह के खाद्य तेलों की पर्याप्त उपलब्धता और कमजोर मांग के बावजूद 10 से 12 रुपए लीटर का उछाल आ गया है. तेलों में तेजी से मिलावटी भी सक्रिय हो गए हैं. तेलों में सस्ते तेलों की मिलावट करके बेचा जाने लगा है. शहर में कुछे एक व्यापारियों द्वारा खाद्य तेलों में री-पैकिंग करने की खबरें भी मिल रही है. ग्राहकों पर महंगाई का बोझ बढ़ता जा रहा है. टमाटर और भिंडी के भाव रिटेल में 40-60 रुपए प्रति किलो पहुंच गए है.
पत्ता गोभी 20 से 30 रुपए, बैगन 30 से 40 रुपए, गोभी 50 से 60 रुपए, आलू 18 से 20 रुपए प्रति किलो के हिसाब से बेचा जा रहा है. टिंडा भी 50 से 60 रुपए किलो बिक रहा है. गेहूं की मंडियों में किसानों की आवक खत्म होते ही स्टॉकिस्टों ने मनमाना दाम बोलना शुरू कर दिया है. गेहूं में पिछले एक माह में 150 से 200 रुपए क्विंटल की तेजी आई है. कारोबारियों का कहना है कि बेहतर क्वॉलिटी का होने से दक्षिण भारत के राज्यों में डिमांड ज्यादा है. इससे आटा, मैदा के भाव भी बढ़े हैं.