एनआईटी कैंपस में मंगलवार शाम पुलिस ने स्टूडेंट्स पर लाठीचार्ज किया। हालात काबू करने के लिए कैंपस में सीआरपीएफ तैनात कर दी गई है। राजनाथ सिंह ने हाल में ही सीएम बनी महबूबा मुफ्ती से फोन कर मामले की जानकारी ली। बता दें कि कैंपस में पिछले दिनों पाकिस्तानी झंडा दिखाए जाने के बाद से कॉलेज के गैर कश्मीरी स्टूडेंट्स तिरंगे के साथ विरोध कर रहे थे।
जयपुर में रहने वाले एक स्टूडेंट ने बताया कि जब भारत क्रिकेट मैच में वेस्टइंडीज से हारा था, तब एनआईटी में मौजूद कश्मीरी स्टूडेंट्स ने जश्न मनाते हुए 1 अप्रैल को पाकिस्तानी झंडा दिखाया था।चूंकि एनआईटी में 65 से 70% स्टूडेंट्स जम्मू-कश्मीर के बाहर से आते हैं, ऐसे में उन्होंने इसका विरोध तिरंगा लहराकर किया।इसके बाद विवाद शुरू हो गया। एक अप्रैल से ही स्टूडेंट्स के दो गुट भारत और पाकिस्तान का झंडा लेकर विरोध कर रहे हैं।
यहां पर मौजूद एनआईटी के डायरेक्टर प्रो. रजत गुप्ता इस मामले में कोई एक्शन लेने के बजाय तिरंगा फहराने वाले स्टूडेंट्स के खिलाफ हो गए हैं।उनकी सहमति से ही मंगलवार को पुलिस ने कैम्पस में आकर तिरंगा लेकर प्रदर्शन कर रहे स्टूडेंट्स पर लाठीचार्ज किया।जबकि पाकिस्तान का झंडा लेकर प्रदर्शन कर रहे स्टूडेंट्स के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई।स्टूडेंट्स का आरोप है कि कॉलेज प्रशासन उन्हें घर जाने की परमिशन भी नहीं दे रहा।
इसके अलावा फैकल्टी की ओर से धमकियां दी जा रही हैं कि वे जम्मू- कश्मीर के बाहरी स्टूडेंट्स को फेल कर देंगे।स्टूडेंट्स को स्थानीय संगठनों से भी धमकियां मिल रही हैं।इस मामले में हस्तक्षेप के लिए एमएचआरडी से मांग की जा चुकी है लेकिन अभी तक किसी तरह का जवाब या सहायता नहीं मिली है।एनआईटी में करीब दो हजार स्टूडेंट है और इनमें से 25 से 30 प्रतिशत जम्मू-कश्मीर के हैं। बाकी स्टूडेंट्स देश के दूसरे राज्यों से आते हैं।
राजस्थान से करीब 400 स्टूडेंट्स हैं। इनमें गर्ल्स की तादाद करीब 30 है।इस मामले में एनआईटी डायरेक्टर प्रो. रजत गुप्ता को 10 से अधिक फोन किए गए और एसएमएस भेजकर सवालों के जवाब मांगे गए।लेकिन उनकी तरफ से किसी प्रकार का जवाब नहीं मिला।पिछले हफ्ते टी20 वर्ल्ड कप में वेस्टइंडीज के खिलाफ भारत की हार के बाद एनआईटी में भारत विरोधी और पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगने ले बाद विवाद शुरू हुआ था।इसके बाद कुछ स्टूडेंट्स ने कैंपस में तिरंगा फहराया और राष्ट्रगान गाकर इसका विरोध किया था।