समझौता एक्सप्रेस ब्लास्ट केस मामले में असीमानंद समेत 4 दोषियों पर आज फैसला सुनाएगी विशेष अदालत

12 साल पहले हुए समझौता ट्रेन ब्लास्ट मामले में पंचकूला की स्पेशल एनआईए कोर्ट आज को फैसला सुनाएगी। सोमवार को अदालत ने फैसला सुरक्षित रख लिया। मामले में मुख्य आरोपी स्वामी असीमानंद, लोकेश शर्मा, कमल चौहान और राजिंद्र चौधरी है।

हालांकि कुल 8 आरोपी थे, जिनमें से 1 की मौत हो चुकी है, जबकि तीन को भगोड़ा घोषित किया जा चुका है।वकील एससी शर्मा ने बताया था कि पाकिस्तानी नागरिक राहिला वकील ने एक याचिका दायर कर कुछ और चश्मदीदों के बयान रिकॉर्ड करने की अपील की।

इस पर अदालत ने कहा कि चश्मदीदों को 6 बार समन भेजा गया, लेकिन वह नहीं आए। रिपोर्ट्स के मुताबिक, राहिला के वकील ने बताया कि जिन पाक नागरिकों के बयान दर्ज कराने की हम अपील कर रहे हैं, वह आना चाह रहे थे, लेकिन उन्हें कोई समन नहीं मिला।

एनआइए ने मामले में कुल 224 गवाहों को पेश किया, जबकि बचाव पक्ष ने कोई गवाह नहीं पेश किया।दिल्ली से लाहौर जा रही समझौता एक्सप्रेस ट्रेन में 18 फरवरी 2007 को पानीपत के दीवाना रेलवे स्टेशन के पास धमाका हुआ था।

इस धमाके में दो बोगियों में आग लग गई थी, जिसमें 68 लोग जिंदा जल गए थे। मरने वालों में ज्यादातार पाकिस्तान के रहने वाले थे। पुलिस को मौके से दो सूटकेस बम मिले, जो फट नहीं पाए थे। ऐसा कहा गया कि दो लोग ट्रेन में दिल्ली से सवार हुए थे और रास्ते में कहीं उतर गए। इसके बाद धमाका हुआ।

15 मार्च 2007 को हरियाणा पुलिस ने इंदौर से दो संदिग्धों को गिरफ्तार किया। यह इन धमाकों के सिलसिले में की गई पहली गिरफ्तारी थी। पुलिस इन तक सूटकेस के कवर के सहारे पहुंच पाई थी। ये कवर इंदौर के एक बाजार से घटना के चंद दिनों पहले ही खरीदे गए थे।

इसके बाद 26 जुलाई 2010 को मामला एनआइए को सौंपा गया था। स्वामी असीमानंद को आरोपी बनाया गया।एनआइए ने 26 जून 2011 को पांच लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की थी। पहली चार्जशीट में नाबा कुमार उर्फ स्वामी असीमानंद, सुनील जोशी, रामचंद्र कालसंग्रा, संदीप डांगे और लोकेश शर्मा का नाम था।

आरोपियों पर आईपीसी की धारा (120 रीड विद 302) 120बी साजिश रचने के साथ 302 हत्या, 307 हत्या की कोशिश करना समेत, विस्फोटक पदार्थ लाने, रेलवे को हुए नुकसान को लेकर कई धाराएं लगाई गई।

Check Also

आरबीआई ने सभी क्रेडिट सूचना कंपनियों को दिया एक आंतरिक लोकपाल नियुक्त करने का निर्देश

आरबीआई ने सभी क्रेडिट सूचना कंपनियों को 1 अप्रैल, 2023 तक एक आंतरिक लोकपाल नियुक्त करने …

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *