विधानसभा चुनाव होने में सिर्फ एक साल बचा है। दोबारा सत्ता पर काबिज होने के लिए समाजवादी पार्टी (सपा) ने ‘गांव-गांव अखिलेश’ के नाम से चुनावी कैंपेन की शुरुआत की है, ताकि सरकार की योजनाओं को गांव के लोगों तक पहुंचाया जा सके। पार्टी की नीतियों को गांव-गांव पहुंचाने के लिए रविवार को समाजवादी जनसंवाद अभियान का शुभारंभ पार्टी मुख्यालय से किया गया।
पार्टी मुख्यालय पर एकत्र दर्जनभर वाहनों और बाइक सवारों को पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी, महासचिव अरविन्द सिंह गोप और प्रदेश सचिव एसआरएस यादव ने पार्टी का ध्वज दिखाकर रवाना किया। अभियान की शुरुआत फैजाबाद, गोरखपुर और आगरा से कीजा रहा है। जल्द ही इस अभियान को अन्य जिलों में भी संचालित किया जाएगा।
राजेंद्र चौधरी ने बताया कि यूपी में एक लाख गांव हैं और समाजवादी जनसंवाद वाहन के जरिये ‘गांव-गांव अखिलेश’ कैंपेन चलाया जाएगा।इसमें एलईडी स्क्रीन लगी हुई है। इससे गांवों में जाकर सरकार की उपलब्धियों और कल्याणकारी योजनाओं के बारे में बताया जाएगा। इसके साथ लोगों के फीडबैक भी लिए जाएंगे। उसपर हमारी सरकार आगे काम करेगी।पहले चरण में 600 से ज्यादा गांवों को कवर किया जाएगा। ग्रामीणों के बीच विकास कार्यों की सामग्री भी वितरित की जाएगी।
राजेंद्र चौधरी ने कहा कि गांवों के विकास के बिना प्रदेश समृद्ध नहीं हो सकता, इसलिए सीएम ने ग्रामीणों से संवाद की पहल की है। उन्होंने कहा कि समाजवादी सरकार के पौने चार वर्ष की अवधि में शिक्षा, स्वास्थ्य, सड़क, सिंचाई, बिजली और सौर ऊर्जा, महिला सुरक्षा, रोजगार, वृद्धावस्था कल्याण, कृषि और कौशल विकास के क्षेत्र में जितने विकास कार्य हुए हैं वे दूसरे राज्यों के लिए अनुकरणीय हैं। समाजवादी पेंशन और लैपटॉप वितरण जैसी अनोखी योजनाएं हैं। जिलों में फोरलेन सड़के, 300 किमी की आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे योजनाएं कार्यान्वित हो रही हैं।
राजेंद्र चौधरी ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा, “विकास और समाज विरोधी ताकतों के बावजूद हमारी सरकार ने प्रदेश में काम किया है। प्रदेश को विकास की ओर ले जाते हुए उत्तम प्रदेश बनाने का काम किया है। बिजली, पानी, सिंचाई, शिक्षा, स्वास्थ्य और समाजाजिक काल्याणकारी योजनाएं बनाई गई। कई योजनाओं को उद्घाटन अगले साल खुद सीएम अखिलेश यादव करेंगे। सोलर प्लांट के लिए भी काम किया जा रहा है।”
उन्होंने कहा कि गांव-किसान हमेशा समाजवादी पार्टी की प्राथमिकता में रहा है। साल 2015-16 को सीएम ने ‘किसान वर्ष’ घोषित किया है। बजट का 75 फीसदी गांवों और कृषि विकास पर खर्च किया है। किसानों को 50 हजार रुपए तक का कर्ज माफ किया गया है। मुफ्त सिंचाई सुविधा दी गई है। प्रदेश के ढाई करोड़ कृषकों के लिए पांच लाख रुपए की दुर्घटना बीमा योजना बनी है। किसानों को फसल का उचित मूल्य दिया जा रहा है।