कांग्रेस ने लोकसभा से अपने 25 सदस्यों को निलंबित किए जाने के खिलाफ बुधवार को भी सोनिया गांधी और राहुल गांधी की अगुवाई में संसद भवन परिसर में धरना दिया। गौर हो कि कांग्रेसी सांसदों ने मंगलवार को भी संसद भवन परिसर में धरना देकर सरकार के खिलाफ विरोध जताया था।आज सुबह कांग्रेस के सांसद संसद भवन के बाहर धरने पर बैठ गए और सरकार के मनमाने रवैये के खिलाफ नारेबाजी की। सभी कांग्रेस सांसद हाथ पर काली पट्टी बांधकर विरोध जता रहे हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी और मनमोहन सिंह भी धरने में शामिल हैं। सूत्रों के अनुसार, सरकार चाहती है कि कांग्रेस सांसद माफी मांगें। वहीं, कांग्रेस सांसद स्पीकर से माफी नहीं मांगेंगे। जानकारी के अनुसार, कुछ अन्य राजनीतिक दलों ने भी लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन से कांग्रेस सांसदों के निलंबन को लेकर अपने फैसले पर पुनर्विचार करने का आग्रह किया है। मीडिया की कुछ रिपोर्टों के अनुसार, ऐसी चर्चा है कि वह अपने फैसले को वापस ले सकती हैं।
इससे पहले, पार्टी ने नरेन्द्र मोदी सरकार पर करारा प्रहार करते हुए इसे ‘लोकतंत्र की हत्या’ करार दिया और प्रधानमंत्री से देश के ‘मन की बात’ सुनने की मांग की। मंगलवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने मोर्चा संभालते हुए संसद भवन परिसर में पार्टी सांसदों के साथ धरने पर बैठे और अपने सांसदों को निलंबित किये जाने के खिलाफ नारे लगाए, साथ ही पुरजोर शब्दों में कहा कि संसद से पार्टी के सभी सदस्यों को ‘बाहर’ किये जाने के बाद भी उनकी सुषमा स्वराज, वसुंधरा राजे और शिवराज सिंह चौहान के इस्तीफे की मांग कमजोर नहीं पड़ेगी।
सोनिया ने कहा कि संसद की कार्यवाही चलाना सरकार की जिम्मेदारी है। हमारे सांसदों का निलंबन अलोकतांत्रिक है। लोकतंत्र की हत्या हुई है। कांग्रेस अध्यक्ष ने संसद परिसर में धरने के दौरान पार्टी के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद, एके एंटनी और आनंद शर्मा के साथ स्पीकर के फैसले के खिलाफ नारे भी लगाए।