कांग्रेस वर्किंग कमेटी की अध्यक्षता खुद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी करेंगी. इस बैठक के एजेंडे की बात करें तो इसमें प्रमुख रूप से राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनाव पर चर्चा होगी.साथ ही इस बात पर भी जोर रहेगा कि विपक्षी दलों का व्यापक गठबंधन कैसे तैयार किया जाए. मौजूदा राजनीतिक हालात भी मीटिंग का एजेंडा है.
जहां तक इस बैठक में राहुल गांधी को अध्यक्ष बनाने की बात है तो पिछली बैठक में भी सभी ने एक सुर में राहुल को अध्यक्ष बनाने की बात कही थी, लेकिन राहुल गांधी ने संकेत दिया है कि वह लोकतांत्रिक तरीके से ही अध्यक्ष बनेंगे. दरअसल, चुनाव आयोग ने पार्टी में 30 जून तक संगठनात्मक चुनाव करवाने के लिए कहा था, जिसके लिए पार्टी ने अब 31 दिसंबर का समय ले लिया.
सो यह कहना गलत न होगा कि इस मीटिंग का एजेंडा राष्ट्रपति चुनाव और विपक्षी दलों को एकजुट करने के इर्द-गिर्द ही रहेगा.उल्लेखनीय है कि कांग्रेस की ओर से विपक्षी दलों को एक मंच पर लाने का कोशिशें जारी हैं. कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि विपक्ष का साथ आना लोकतंत्र के लिए अच्छा है.
कांग्रेस ने अपने उपाध्यक्ष राहुल गांधी के सभी विपक्षी पार्टियों को एक साथ लाने के प्रयास का बचाव करते हुए कहा कि ऐसी एकता लोकतंत्र के लिए अच्छी है. कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अजय माकन ने कहा कि संप्रग शासनकाल के दौरान विपक्ष में रहते समय भाजपा ने भी ऐसा ही प्रयास किया था.