गलवान घाटी में चीनी सैनिकों के साथ भारतीय सेना की खूनी झड़प को साल हो गया है। इस पर कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि दी और कहा कि 14-15 जून की रात को हुई इस दुखद घटना पर कांग्रेस पार्टी दुखी है।
चीनी सैनिकों के साथ हुई हिंसक झड़प में बिहार रेजिमेंट के 20 बहादुर सैनिक शहीद हो गए थे। उन्होंने आगे कहा बहुत ही धैर्य के साथ इंतजार किया कि सरकार सामने आएगी और देश को उन हालात के बारे में सूचित करेगी, जिनमें यह अप्रत्याशित घटना घटी तथा वह लोगों को विश्वास दिलाएगी की हमारे जवानों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा।
अब कांग्रेस पार्टी अपनी इस चिंता को फिर से प्रकट करती है कि अब तक कोई स्पष्टता नहीं है और इस विषय पर प्रधानमंत्री का आखिरी बयान पिछले साल आया था कि कोई घुसपैठ नहीं हुई।उन्होंने कहा कि हमने प्रधानमंत्री के बयान के संदर्भ में बार बार ब्यौरा मांगा और अप्रैल, 2020 से पूर्व की यथास्थिति बहाल करने की दिशा में हुई प्रगति का विवरण भी मांगा।
चीन के साथ सेनाओं को पीछे हटाने का जो समझौता हुआ है, उससे लगता है कि यह अब तक भारत के लिए पूरी तरह नुकसानदेह रहा है।कांग्रेस पार्टी आग्रह करती है कि सरकार देश को विश्वास में ले और यह सुनिश्चित करे कि उसके कदम हमारे उन जवानों की प्रतिबद्धता के अनुकूल हैं जो मुस्तैदी के साथ हमारी सीमाओं पर खड़े हैं।उनका यह बयान गलवान घाटी गतिरोध की पहली बरसी पर आया है।