कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के आवास पर संसद की रणनीति को लेकर समान विचारधारा वाले विपक्षी दलों के नेताओं की एक बैठक हुई। सोनिया गांधी की अध्यक्षता में, 10 जनपथ पर आयोजित इस बैठक में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी प्रमुख शरद पवार, नेशनल कान्फ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला, शिवसेना सांसद संजय राउत, डीएमके सांसद टीआर बालू, राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे और कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी सहित कई अन्य नेता मौजूद रहे।
इस बैठक के बाद शिवसेना सांसद संजय राउत ने कहा कि ये विपक्ष एकता की बैठक थी। विपक्ष एकता पर बात हुई। यह पहला ऐसा ग्रुप है। भविष्य में और ऐसे कई अन्य ग्रुप बनाए जाएंगे। हमने संसद की कार्यवाही के बारे में चर्चा की। हम माफी नहीं मांगेंगे। राज्यों में मिल कर काम करेंगे।वहीं नेशनल कांफ्रेंस के प्रमुख फारूक अब्दुल्ला ने बैठक से बाहर आ कर कहा, विपक्ष की एकता पर बात हुई। देश की समस्याओं पर चर्चा हुई।
यूपीए और अधिक मजबूत होगा। कैसे इकट्ठा काम कर सकते हैं? कैसे इस मुल्क को मुश्किलों से निकाल सकते हैं? इसको लेकर हम सभी नेताओं ने चर्चा की।वहीं टीआर बालू ने बैठक के बाद कहा कि विपक्ष की एकता पर बात हुई है। इसी पर जोर दिया गया।गौरतलब है कि सोनिया गांधी की संसदीय रणनीति की ये बैठक तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी के जवाब में हुई, उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा था कि यूपीए नहीं है।
इस बैठक से पहले मंगलवार सुबह राज्यसभा के 12 सदस्यों का निलंबन वापस लेने की मांग कर रहे विपक्षी दलों ने मंगलवार को मार्च निकाला। विरोध में विपक्षी दलों ने देश में अघोषित आपातकाल करार दिया।इसके साथ ही विपक्षी दलों ने बुधवार को संसद भवन से जंतर-मंतर जाकर धरना प्रदर्शन करने की रणनीति बनाई है।
इस मसले पर राज्यसभा में नेता विपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने निलंबन वापसी की मांग करते हुए कहा कि पिछले हफ्ते सभापति ने कहा था कि सरकार और विपक्ष मिलकर गतिरोध का हल निकालें। लेकिन सरकार की ओर से कहा गया है कि वह माफी मांगे जाने पर ही निलंबन रद्द करने पर विचार करेगी। विपक्ष इसके लिए तैयार नहीं है।