अब तक बाढ़ से असम में 110 लोगों की मौत, पीएम मोदी ने दिया मदद का भरोसा

असम में पांच और लोगों की मौत के साथ बाढ़ (Flood) संबंधी घटनाओं में मरने वालों की संख्या 84 हो गई है. राज्य में बाढ़ एवं भूस्खलन के कारण मरने वालों की संख्या 110 हो गई है. रविवार को आए नए आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार राज्य के 33 जिलों में से 24 जिलों के करीब 25.29 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. बाढ़ से सर्वाधिक 4.53 लाख लोग गोलपाड़ा में प्रभावित हुए हैं.

बारपेटा में 3.44 लाख लोग और मोरीगांव में 3.41 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फोन पर असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल के साथ बाढ़ संबंधी हालात को लेकर चर्चा की. उन्होंने असम में बाढ़ के कारण पैदा हुए हालात से निपटने के लिए रविवार को राज्य को हरसंभव मदद मुहैया कराने का आश्वासन दिया.

सोनोवाल ने ट्वीट किया कि माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज सुबह फोन पर बातचीत करके असम में बाढ़, कोविड-19 संबंधी हालात और बागजान तेल कुएं में आग संबंधी स्थिति की जानकारी ली. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने राज्य के प्रति चिंता एवं लोगों के साथ एकजुटता व्यक्त की और हरसंभव मदद मुहैया कराने का आश्वासन दिया.

मुख्यमंत्री कार्यालय के एक अधिकारी ने बताया कि सोनोवाल ने लोगों के सामने आ रही समस्याओं से निपटने के लिए राज्य में अब तक उठाए गए कदमों के बारे में मोदी को सूचित किया है. कार्यालय की ओर से जारी बयान में ये कहा गया प्रधानमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार बाढ़, भू-कटाव, कोविड-19 तथा बागजान की स्थिति पर नजर रख रही है और संकट के इस समय में असम के लोगों के साथ खड़ी है.

सोनोवाल ने मोदी को सूचित किया कि राज्य के कई इलाके, कृषि भूमि और घर ब्रह्मपुत्र तथा अन्य सहायक नदियों से हुए भू-कटाव के कारण बुरी तरह प्रभावित हुए हैं. बयान में कहा गया कि जिला प्रशासन बाढ़ एवं भू-क्षरण की समस्याओं से निपटने के लिए मुस्तैद है. इसमें यह भी कहा गया कि मुख्यमंत्री क्षति का आकलन करने और बचाव एवं पुनर्वास अभियानों को देखने के लिए कई स्थानों का दौरा कर रहे हैं.

कोविड-19 के बारे में सोनोवाल ने प्रधानमंत्री को बताया कि राज्य में संक्रमितों की संख्या बढ़ रही है. उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य विभाग ने जांच क्षमता बढ़ाई है इसलिए अब अधिक लोगों की जांच हो रही है. बयान में कहा गया कि मुख्यमंत्री ने भरोसा जताया कि निकट भविष्य में यदि संक्रमण के मामले और बढ़ते हैं तब भी स्वास्थ्य विभाग हालात को संभालने में सक्षम है.

प्रधानमंत्री से बातचीत में सोनोवाल ने उन्हें राहत शिविरों में बाढ़ प्रभावित लोगों को शरण देने के लिए उठाए जा रहे कदमों की जानकारी दी और कहा कि इन शिविरों में कोविड-19 संबंधी नियमों का सख्ती से पालन किया जा रहा है.

असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने बताया कि 18 जिलों में 521 राहत शिविरों एवं वितरण केंद्रों का संचालन किया जा रहा है जहां 50,559 लोगों ने शरण ली है. धुबरी और गोलपाड़ा में ब्रह्मपुत्र नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. इसकी सहायक नदियां भी कई स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर है.

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