कोरोना महामारी में छोटे और मध्यम उद्योगों को पनपने में हो रही है दिक्कत

कोरोना महामारी में भारत में छोटे और मध्यम व्यवसाय (एसएमबी) बड़े स्तर पर बंद हो रहे हैं। एसएमबी लीडर्स के बीच कम से कम छह महीने तक अपना व्यवसाय संचालित करने को लेकर आत्मविश्वास की भारी कमी है। यानी उन्हें नहीं लगता कि वह अगले छह महीने तक अपना कारोबार जारी रख पाएंगे।

गुरुवार को जारी एक नई फेसबुक ग्लोबल रिपोर्ट में यह दावा किया गया है।भारत और पाकिस्तान में एसएमबी के बंद होने की उच्च दर के साथ सूचना प्राप्त हुई है, जिसमें क्रमश: 32 प्रतिशत (अक्टूबर में 24 प्रतिशत से बढ़कर और मई में 46 प्रतिशत से गिरकर) और 28 प्रतिशत (अक्टूबर में 23 प्रतिशत से बढ़कर और मई में 38 प्रतिशत की गिरावट) उद्योगों के बंद होने की बात सामने आई है।

फेसबुक में चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर शेरिल सैंडबर्ग ने एक बयान में कहा, वैक्सीन का रोलआउट आशावान होने का एक कारण जरूर है, ऐसे में हमारी नवीनतम ग्लोबल स्टेट ऑफ स्मॉल बिजनेस रिपोर्ट एक समयबद्ध अनुस्मारक है कि अभी भी कई (उद्योग) कमजोर हैं और उन्हें समर्थन की आवश्यकता है।

उन्होंने कहा, जो लोग महामारी के प्रभाव को महसूस कर रहे हैं, वे सबसे अधिक महिलाएं और अल्पसंख्यक-स्वामित्व वाले व्यवसाय हैं। यह उस चीज की याद दिलाता है कि जब भी संकट आता है तो हमेशा सबसे कमजोर पर ही सबसे कठिन मार पड़ती है।

मिस्र और भारत में क्रमश: 31 प्रतिशत और 39 प्रतिशत एसएमबी लीडर्स को कम से कम 6 महीने तक संचालन जारी रखने की उनकी क्षमता पर भरोसा है।इसके विपरीत, अमेरिका में एसएमबी (68 प्रतिशत), बेल्जियम (72 प्रतिशत), जर्मनी (74 प्रतिशत), और ऑस्ट्रेलिया (79 प्रतिशत) सबसे अधिक आश्वस्त हैं।

रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में परिचालन में आने वाले आधे एसएमबी में रोजगार में कमी आई है। परिचालन एसएमबी ने माना है कि उन्होंने भारत में पिछले तीन महीनों के दौरान पूर्व कर्मचारियों को दोबारा से काम पर रखा है। ऐसे एसएमबी की संख्या 42 प्रतिशत बताई गई है।

एशिया-प्रशांत क्षेत्र में अक्टूबर के बाद से औसत बंद होने की दर में सात प्रतिशत की वृद्धि देखी गई है।रिपोर्ट के लिए, फेसबुक ने फरवरी में 27 देशों और अन्य क्षेत्रों में 35,000 से अधिक छोटे व्यापारिक लीडर्स के बीच सर्वेक्षण किया।सर्वे के दौरान लगभग एक चौथाई (24 प्रतिशत) ने बताया कि उनके व्यवसाय बंद हो गए हैं।

चिंता की बात यह है कि सर्वेक्षण में शामिल आधे से अधिक लोगों को लगता है कि अगर मौजूदा हालात बने रहे तो कम से कम 6 महीने तक संचालन जारी रखना मुश्किल होगा।सर्वेक्षण में शामिल आधे से अधिक लोगों ने कहा कि उन्होंने ग्राहकों के साथ संवाद करने के लिए डिजिटल उपकरणों का इस्तेमाल किया है।

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