प्रधानमंत्री मोदी एक और नीतिगत फार्मूले पर काम कर रहे हैं. अगले साल से वित्तीय वर्ष का झंझट खत्म हो सकता है. कैलेंडर वर्ष के साथ ही वित्तीय वर्ष चलेगा.आठ नवम्बर को नोटबंदी की घोषणा कर पीएम मोदी ने पूरे देश को चौंका दिया था. उनका कहना है कि कालाधन रखने वालों के लिए अभी और भी दिल दहलाने वाले निर्णय लिए जाएंगे.
नीतिगत निर्णय लेने के सिलसिले को आगे बढ़ाते हुए मोदी वित्तीय वर्ष को खत्म करने जा रहे हैं. सूत्रों का कहना है कि उन्होंने वित्त मंत्री और अधिकारियों को वित्तीय वर्ष को कैलेंडर वर्ष में समाहित करने की तरफ काम करने को कहा है.
वित्तीय वर्ष 1 अप्रैल से शुरू होकर 31 मार्च तक चलता है जबकि कैलेंडर वर्ष 1 जनवरी से 31 दिसम्बर तक चलता है. वित्तीय वर्ष और कैलेंडर वर्ष को लेकर जनता के बीच भ्रम की स्थिति रहती है. दुनिया के अलग अलग देशों में अलग-अलग वित्तीय वर्ष होता है. कहीं जुलाई से है तो कहीं मार्च से. देशों की यह सोच कर वसूली को लेकर होती है.
रेल बजट को खत्म करने का निर्णय लिया गया है. आम बजट में ही रेल बजट को समाहित किया जाएगा. बजट पेश की तिथि भी 28 फरवरी की जगह फरवरी के पहले हफ्ते का कोई दिन होगा. मोदी ने प्रधानमंत्री बनने के बाद योजना आयोग को भी खत्म कर दिया था.