जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार ने कहा कि नागपुर बीआर अंबेडकर की भूमि है, आरएसएस की नहीं और ‘संघ संसद नहीं है।’ कन्हैया ने अंबेडकर को यहां उनकी 125वीं जयंती पर श्रद्धांजलि देने के बाद भाषण दिया। भाषण के दौरान एबीवीपी के एक कार्यकर्ता ने उनपर चप्पल फेंकी, लेकिन वह उन्हें नहीं लगा। अपने भाषण में उन्होंने राजग सरकार पर देश में लोकतांत्रिक ढांचे पर हमला करने का आरोप लगाया और कहा कि अंबेडकर द्वारा लिखित संविधान पर सीधा हमला हो रहा है।
उन्होंने कहा, ‘मोदी सरकार ने कुछ चुनावी वादे किए थे लेकिन वह अब तेजी से उन्हें भूल रही है और उससे पीछे हट रही है।’ उन्होंने आरएसएस पर निशाना साधते हुए कहा, ‘यह बाबासाहेब अंबेडकर की धरती है जिसे दीक्षाभूमि (वह स्थान जहां अंबेडकर ने अपने अनुयायियों के साथ बौद्ध धर्म स्वीकार कर लिया था) कहा जाता है, न कि संघ भूमि।’ गौरतलब है कि नागपुर में आरएसएस का मुख्यालय है।उन्होंने कहा, ‘संघ संसद नहीं है और ‘मनुवाद’ संविधान नहीं है।
कन्हैया ने कहा कि मोदी सरकार जेएनयू जैसे शैक्षणिक संस्थानों की विश्वसनीयता को नुकसान पहुंचा रही है और अपनी विचारधारा थोप रही है और छात्रों को उस गुनाह के लिए प्रताड़ित कर रही है, जो उन्होंने किया ही नहीं है।कन्हैया ने इन आरोपों का भी खंडन किया कि जेएनयू परिसर में भारत विरोधी नारे लगाए गए थे। इन्हीं नारों की वजह से राजद्रोह के आरोप में दिल्ली पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया था। भाषण के बाद संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने कहा, ‘मोदी सरकार ने मुझे राजद्रोह के आरोप में फंसाकर बड़ी गलती की और मीडिया का इस्तेमाल मुझे राष्ट्र विरोधी के तौर पर पेश करने के लिए किया और मुझे जेल में डाल दिया।
उन्होंने कहा कि वह और अन्य लोग किसी भी कीमत पर जेएनयू की स्वायत्तता को बहाल करने के लिए प्रयास कर रहे हैं।छात्र नेता ने कहा, ‘हम देश में सामाजिक लोकतंत्र को बहाल करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।’ राजग की आर्थिक नीतियों पर हमला करते हुए उन्होंने सिर्फ 0.5 फीसदी आबादी धनी है और सरकार इस तबके पर एक तिहाई धन खर्च कर रही है। कन्हैया ने कहा कि वो 15 लाख रुपये कहां हैं जिसका वादा मोदीजी ने विदेशों में जमा काला धन को वापस लाने के बाद प्रत्येक व्यक्ति के बैंक खाते में जमा करने का किया था।
उन्होंने कहा कि ‘रवैया बदलने की आवश्यकता है, न कि ड्रेस।’ कन्हैया ने आरोप लगाया कि एफटीआईआई, हैदराबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय, जेएनयू और एनआईटी श्रीनगर जैसी स्वायत्त संस्थाओं को छात्रों में अशांति पैदा करने के लिए निशाना बनाया जा रहा है। इससे पहले, बजरंग दल के कुछ कार्यकताओं ने उस वाहन पर पत्थर फेंके जिसमें हवाई अड्डा पर पहुंचने के बाद बिठाकर कन्हैया को ले जाया जा रहा था।भाषण के दौरान एबीवीपी के एक कार्यकर्ता ने उनपर चप्पल फेंका लेकिन वह उन्हें नहीं लगा। कार्यकर्ता को पुलिस के हवाले कर दिया गया और भाषण में व्यवधान डालने का प्रयास करने वाले कुछ लोगों को भी पकड़ लिया गया।